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झूठ का देश मेरा महान सच का आईना दिखाने की किसी की हिम्मत नहीं फिर भी मेरा देश महान….?

संपादक आर पी त्रिपाठी की कलम से

प्रोग्रेस ऑफ इंडिया न्यूज

क्या सच में है मेरा देश महान?

वर्तमान में राजनीति समझ से बाहर है युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा महंगाई चरम सीमा में है गरीब जहां से आया था वहीं पर रुक गया कर्मवीर मेहनत करने वाला मजदूर आलसी हो गया मुफ्त की रोटी तोड़ने की आदत किसने दी यह सत्ता के लालची वोट बैंक वालों ने दी स्वाभिमान सम्मान सब कुछ खो दिया देश फिर भी महान है यह कहने की बात है मैदान में देखो भुखमरी बेरोजगारी जानवरों सी जिंदगी जीने वाले फिर भी कहते है देश महान है। अपने आप को महान स्तम्भ समझते हैं दुनिया कहां हैं लोग कहां हैं समझ से परे है अपने देश की मुद्रा की हालत कितना बुरा हाल है ,जैसा दिखाई नहीं दे रहा किसी राजनेताओं को सबसे अच्छा धंधा राजनीत ज्वाइन कर लो बन जाओ विधायक या जन प्रतिनिध या बन जाओ सांसद ,गरीबी अपने आप आपकी मिट जाएगी देश किस ओर जा रहा है यह किसी को भी चिंता नहीं है इमानदारी की बात करते हैं भ्रष्टाचार फैलाते हैं मैदान में फिर भी कहते हैं मेरा देश महान , नशा रोकने की बात करते मंच से नीचे आते ही शुरुआत उद्घाटन करते हैं । महान आम जनता को तालियां बजाने के अलावा वाहवाही जिंदाबाद करने के अलावा कुछ हासिल नहीं होता। मुफ्त की रोटी अपमान का घूंट ,अशिक्षा अस्वस्थ वातावरण इस पर किसी का ध्यान नहीं है योजनाएं करोड़ों अरबों की बनती है मैदान में आते-आते 30% रह जाती है 70% कमीशन में जाता है यह किसी के ध्यान में नहीं है मीडिया को बदनाम किया जाता है मीडिया वालों के लिए क्या कोई कुछ फंड है आवाज उठाएं कहां से उठाएं उनकी आवाजें बंद की जाती है फिर भी कहते मेरा देश महान

सब कुछ सबको मालूम है, जनता सब कुछ जानती है फिर भी मेरा देश महान अब समझ में आता है इतिहास बताता है डरते थे डरते हैं डरते रहेंगे तब तक ऐसी स्थिति रहेगी हर जगह जातिवाद ऊंच नीच का भेदभाव छुआछूत असमानता का भेदभाव है फिर भी कहते हैं देश मेरा महान है सच बोलना ईमानदारी से काम करना कष्टदायक है हर चपरासी से लेकर उच्च पद के अधिकारियों तक भ्रष्टाचारियों का बोल वाला है फिर भी कहते हैं मेरा देश महान है अपनी बात कहने की स्वतंत्रता नहीं है कब क्या हो जाए कोई किसी को पता नहीं है अन्याय के खिलाफ लड़ना जान का जोखिम है फिर भी कहते हैं मेरा देश महान है आए दिन पीड़िता न्याय मांगने के लिए भटकती है शोषण करने वाले अपने आप को समाजसेवी कहते हैं फिर भी कहते हैं मेरा देश महान है सच की आवाज उठाने वाले गद्दार अपराधी माने जाते हैं सरकार की योजनाओं को भ्रष्टाचार में मिलाने वाले महान कहलाते हैं मेहनत ईमानदारी से काम करने वाले बेईमान बनते हैं कष्ट उन्हीं को भोगना पड़ता है जो सच सहने की क्षमता नहीं रखते फिर भी कहते देश मेरा महान,है सच में देश की अर्थव्यवस्था की हालात चिंताजनक है 10% लोग राज करते हैं 90 % गरीब भटकते हैं अपने आपको करते हैं भगवान से दुआ करते हैं अपने आपको पुराने जन्म को पाप को कहते हैं ढोंग पाखंड चरण सीमा में है फिर भी कहते हैं मेरा देश महान । अंधविश्वासी की कमी नहीं है फिर भी कहते हैं मेरा देश महान है चापलूस चमचों की बोलवाला है सच का हितेषी परेशान हैं उल्लू बनाओ राज करो यही प्रथा फिर भी कहते हैं मेरा देश महान है जो अपनी पोस्टिंग में पैसा देगा वह भ्रष्टाचार करेगा परेशान जनता होगी फिर भी कहते हैं मेरा देश महान है नीचे से ऊपर तक सब कुछ बिकाऊ है खरीदने वाला चाहिए यहां न्याय सुविधा रोजगार जहां तक भगवान भी बिकाऊ है बस आपके पास पैसे होना चाहिए कीमत सब जगह फिक्स है फिर भी कहते हैं मेरा देश महान है जय हिंद जय भारत।।

प्रोग्रेस ऑफ इंडिया न्यूज भोपाल

संपादक आर पी त्रिपाठी की तरफ से लेख

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