सीएम ने कहा कि एशिया में कहीं चीता मिले या ना मिले लेकिन अपने मध्य प्रदेश में है ये हम सबका सौभाग्य है। हम आगे और ऐसे रिजर्व फॉरेस्ट बुला रहे हैं, जहां ऐसे प्रयास किए जा सके। विभिन्न प्राकृतिक जीव जो खूबसूरत है लेकिन काल के प्रवाह में विलुप्त हो गए। इनको पुनर्स्थापित करने का हम सभी मिलकर प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सफल प्रयास हो रहे हैं” आज मध्यप्रदेश में 7 टाइगर रिजर्व हैं, 25 लाख से ज्यादा पर्यटक प्रतिवर्ष प्रदेश में आते हैं। इससे ₹55 करोड़ से ₹60 करोड़ का राजस्व प्रदेश को प्राप्त होता है। अपनी इकोनामी बदलने के लिए टूरिज्म सेक्टर में प्रधानमंत्री जी का जो प्रयास है वह सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा। यह प्रयास हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को भी सुधारेगा और हमारे जंगल की रक्षा भी करेगा।
हमारे लिए सौभाग्य की बात है
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि जैसे बाकी राज्यों से हमारी राजधानी विशिष्ट है, ऐसे ही बाघों की संख्या में हम भी विशिष्ट हैं। पूरे देश के 20 प्रतिशत बाघ हमारे राज्य में हैं। वन विभाग ने अनाथ बाघों व शावकों को प्राकृतिक परिवेश में संरक्षित करते हुए कान्हा टाइगर रिजर्व में पुनर्स्थापित किया है। वन विभाग को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन कर्मियों और अधिकारियों का सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस अवसर पर विलेज रीलोकेशन सतपुड़ा मॉडल, कान्हा की कहानियाँ एवं पेंच टाइगर बिहेवियर एक्टिविटी किट-3 पुस्तक का विमोचन किया एवं वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण हेतु उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन कर्मियों व अधिकारियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर वन मंत्री रामनिवास रावत , राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर एवं राज्यमंत्री श्री दिलीप अहिरवार भी उपस्थित रहे।