एमपी में पत्नी के नाम पर गैस कनेक्शन ट्रांसफर करवा रहे लोग, सरकार बोली- ऐसा नहीं चलेगा

मध्य प्रदेश सरकार ने लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने पर मुहर लगा दी है। इसमें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की लाभार्थी भी शामिल की गईं। योजना का लाभ लेने की कोशिश में पति के नाम का गैस कनेक्शन पत्नी के नाम पर कराए जा रहे हैं। लेकिन इसका लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा, शुरू से ही जिनके नाम पर गैस कनेक्शन है।
मध्य प्रदेश में 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर पाने के लिए कनेक्शन पुरुष से महिला के नाम स्थानांतरित कराने से काम नहीं चलेगा। ऐसे किसी भी प्रकरण को मान्य नहीं किया जाएगा।
योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा, जिनके नाम योजना की शुरुआत के समय रसोई गैस कलेक्शन था। प्रदेश में अभी 40 लाख महिलाओं को 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर दिलाने के लिए अंतर की राशि अनुदान के रूप में दी जा रही है।
उज्जवला योजना की लाभार्थी हैं शामिल
विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में शामिल महिलाओं को 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की योजना लागू की थी। इसमें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की लाभार्थी भी शामिल की गईं।
योजना सिर्फ लाड़ली बहना के लिए
योजना का लाभ लेने के लिए कई उपभोक्ताओं ने अपने नाम के स्थान पर कनेक्शन महिलाओं के नाम पर करा लिए पर इसे मान्य नहीं किया जाएगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि योजना केवल उज्जवला योजना और मुख्यमंत्री लाड़ली बहना के लिए है। पुरुषों के नाम पर यदि रसोई गैस कनेक्शन है तो उसे मान्य नहीं किया जाएगा।

कलेक्टरों को दिए गए निर्देश
योजना लागू होने के बाद बड़ी संख्या में कनेक्शन स्थानांतरित कराने के प्रकरण सामने आए हैं। इसे देखते हुए सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस बात का ध्यान रखें कि कनेक्शन महिला के नाम पर ही होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2023 से मार्च 2024 क 579 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है। अप्रैल और मई 2024 का 52.44 करोड़ रुपये अनुदान दिया जाना बाकी है। इसके लिए अब सरकार ने रसोई गैस सहायता योजना (उज्ज्वला) एवं रसोई गैस सहायता योजना (गैर उज्ज्वला) लागू की है।

अब इसके माध्यम से ही आयल कंपनियों को अनुदान की राशि का भुगतान खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग करेगा। कंपनियां सीधे महिलाओं के खातों में अनुदान की राशि अंतरित करेंगी।

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