कान फिल्म फेस्टिवल को लेकर मुंबई फिल्म जगत में दिखने वाली अजीब तरह की ललक अब इस प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल का अपनी मनमर्जी से दुरुपयोग भी कराने लगी है। जी म्यूजिक कंपनी से रिलीज हुए फिल्म ‘हमारे बारह’ के टीजर का लिंक साझा करके इसके 77वें कान फिल्म फेस्टिवल में रिलीज होने का दावा किया जा रहा है। जबकि, इस फिल्म फेस्टिवल में कोई फिल्म रिलीज नहीं होती है। फिल्म फेस्टिवल के कुल नौ सेक्शन हैं, और इनमें से कोई सेक्शन ‘इंडियन फिल्म कैटेगरी’ नाम से नहीं है, जैसा कि इस फिल्म के निर्माताओं की तरफ से दावा किया जा रहा है।
शनिवार को फिल्म ‘हमारे बारह’ के निर्माताओं की तरफ से एक प्रेस रिलीज मुंबई में जारी की गई। इस प्रेस रिलीज का शीर्षक है, “हमारे बारह” का दमदार टीजर हुआ लॉन्च! महिलाओं के दुखद संघर्ष को उजागर करने वाली फिल्म 77वें कांस फिल्म फेस्टिवल में होगी रिलीज। इस बारे में जब रिलीज जारी करने वाली एजेंसी से पूछा गया कि ये फिल्म कान फिल्म फेस्टिवल के किस सेक्शन में दिखाई जाने वाली है, तो जवाब मिला, इंडियन फिल्म कैटेगरी। लेकिन ये बताने पर कि ऐसी कोई फिल्म कैटेगरी तो कान फिल्म फेस्टिवल में है ही नहीं और न ही वहां कोई फिल्म रिलीज ही होती है, वहां सिर्फ पहले से चुनी फिल्मों के प्रीमियर हो सकते हैं, एजेंसी ने इसका ठीकरा फिल्म के निर्माता बिरेंद्र भगत के सिर फोड़ दिया।
कान फिल्म फेस्टिवल इस साल अपने 77वें वर्ष में है। बीते कुछ साल से हिंदी फिल्म जगत में इस फेस्टिवल के शुरू होते ही तमाम अभिनेत्रियां खुद को कान में आमंत्रित होने का दावा करने लगती है और कुछ तो अपनी कथित रूप से रेड कारपेट पर चलने की तस्वीरें भी अपनी पीआर एजेंसियों से जारी करवाने लगती हैं। ऐसी ही कुछ फोटो अभिनेत्री उर्वशी रौतेला ने इस साल की बताकर और अभिनेत्री हेली ने दो साल पहले की बता कर अपने फैंस के बीच साझा की हैं। कान फिल्म फेस्टिवल के आधिकारिक सेक्शन में चुनी गई फिल्मों के कलाकार ही इस फेस्टिवल के रेड कारपेट पर चलते हैं। कुछ कलाकारों को फेस्टिवल के प्रायोजकों की तरफ से आमंत्रित किया जाता है, जैसे इस बार ऐश्वर्या राय बच्चन, अदिति राव हैदरी, शोभिता धूलिपाला आदि को आमंत्रित किया गया।
कान फिल्म फेस्टिवल की कवरेज करते रहे विभिन्न भाषाओं के भारतीय पत्रकार समय समय पर इस फेस्टिवल को लेकर भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया पर फैलाए जाने वाले भ्रम के बारे में लिखते रहे हैं, लेकिन चूंकि सच की पहुंच उतनी नहीं होती है, जितनी कि पीआर एजेंसियों के फैलाए भ्रम या झूठ की होती है, लिहाजा ये सिलसिला साल दर साल जारी है। फिल्म ‘हमारे बारह’ को लेकर भी किसी भी तरह कान का नाम लेकर फिल्म के बारे में एक खबर प्रकाशित कर देने का खूब दबाव ‘अमर उजाला’ पर भी बनाया गया। फिल्म की पीआर टीम बीते हफ्ते भर से इसी काम में लगी है।