कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स के मेजर ने बनाया ऐसा डिवाइस, जिससे कई टारगेट एक साथ किए जा सकते हैं तबाह

नई दिल्ली : भारतीय सेना को एक बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल सेना के ही एक मेजर ने ऐसी डिवाइस का निर्माण किया है, जिसकी मदद से एक ही समय पर कई ठिकानों को तबाह किया जा सकता है। साथ ही इसकी मदद से सेना के जवानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी। इस अविष्कार को पेटेंट भी मिल चुका है। भारतीय सेना ने बयान जारी कर इसे बड़ी उपलब्धि बताया है।
भारतीय सेना ने बयान जारी कर बताया कि सेना की कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स के मेजर राजप्रसाद आरएस ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है, जिसकी मदद से एक साथ कई लक्ष्यों को तबाह किया जा सकता है। खास बात ये है कि सेना के जवान इस वायरलेस डिवाइस की मदद से दूर से ही लक्ष्यों को तबाह कर सकते हैं। इससे उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। इस डिवाइस को ‘पोर्टेबल मल्टी टारगेट डेटोनेशन डिवाइस’ नाम दिया गया है। सेना ने बताया कि इस डिवाइस को पेटेंट मिलने के बाद सेना में शामिल भी कर लिया गया है।
भारतीय वायु सेना ने आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर ‘आपातकालीन लैंडिंग सुविधा’ वाली हवाई पट्टी पर परिचालन किया जो वायु सेना और असैन्य एजेंसियों के बीच उच्च स्तर के समन्वय को दर्शाता है। वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 18 मार्च को यह परीक्षण किया गया। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने वायु सेना की बताई गई विशिष्टताओं के अनुसार 4.1 किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी का निर्माण किया है। इन इएलएफ (इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड) की मदद से आपात स्थिति में हवाई परिचालन की क्षमता बढ़ेगी और दूर-दराज के क्षेत्रों में मानवीय मदद पहुंचाना भी आसान होगा। वायुसेना के अधिकारी ने बताया कि वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30, हॉक फाइटर्स और परिवहन विमान एन-32 और डॉर्नियर विमान सफलतापूर्वक राजमार्ग पर बनी हवाई पट्टी पर उतरे और बाद में वहां से उड़ान भी भरी।

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