
गढ़ी पडरिया की जल जीवन मिशन योजना को लगाया जा रहा पलीतासी
घटिया निर्माण कर मोदी जी के सपनो को किया जा रहा मटियामेट
पन्ना। ग्राउंड रिपोर्ट।
-भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पानी की किल्लत दूर करने के लिए जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत घर घर नल के माध्यम से पानी पहुंचाने का सपना साकार करने के लिए भारी भरकम बजट देकर लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी के माध्यम से टंकी बनाकर पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने की योजना बनाई।लेकिन प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांछी योजना में भृस्टाचार कर बंदरबाट की जा रही है।पन्ना जिले के गढ़ी पडरिया में जल जीवन मिशन योजना में जमकर भृस्टाचार किये जाने का मामला प्रकाश में आया है,ठेकेदार द्वारा घटिया स्तर का मटेरियल लगाकर टंकी और बाउंड्री वाल का निर्माण किया है,ठेकेदार द्वारा पाइप लाइन भी सही ढंग से नही बिछाई गई,पाइपलाइन डालकर सी सी भी कर दी गई जबकि पाइप लाइन में कई जगह से लीकेज है।पानी की सप्पलाई कब चालू होगी यह कोई बताने को तैयार नही क्योकि घटिया स्तर का निर्माण होने और पाइप लाइन सही ढंग से न डाले जाने के कारण घर घर पानी पहुंचना असम्भव ही है शायद इसीलिए कागजो में जल जल योजना पूरी कर पंचायत को हैंडओवर कर अपने कर्तब्यों से इति श्री की कहानी चल रही है।
टंकी और बाउंड्रीवाल निर्माण के दौरान तराई नाम मात्र के लिए ही कि गई है जिस कारण निर्माण कार्य की गुणवत्ता और मज़बूती पर सवाल उठना लाजिमी है।
मजदूरों के भरोसे किया जा रहा तकनीकी काम
जानकारी के अनुसार शासन द्वारा 20 लाख तक के कार्य मे डिप्लोमा इंजीनियर तथा 20 लाख से ऊपर के निर्माण कार्य मे बी ई होल्डर इंजीनियर की देखरेख में ही ठेकेदार द्वारा कार्य कराए जाने का प्रावधान है लेकिन शासन के नियमो को दरकिनार कर ठेकेदारों मनमानी करते हुए मजदूरों के भरोसे तकनीकी कार्य करवाया गया है तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण कार्य मे कितनी गुणवत्ता होगी।
विजिट के दौरान देखा गया है कि मौके पर ठेकेदार द्वारा कोई तकनीकी अधिकारी नियुक्त नही किया गया तो पी एच ई के अधिकारी यदि निरीक्षण में जाते होंगे तो किसे समझाइस देते होंगे क्या मजदूरों को तकनीकी आंकड़े समझ आते होंगे?क्या मजदूर क्यूरिंग की महत्ता और मटेरियल की गुणवत्ता को समझने के काबिल है ?
निर्माण एजेंसी के जिम्मेदारों द्वारा ठेकेदार पर क्यो नही की जाती कार्यवाही
गढ़ी पडरिया की जल मिशन योजना के हालात देखकर तो ऐसा लगता है कि पी एच ई का तकनीकी अमला ठेकेदारों के सामने नतमस्तक है वजह ठेकेदार का राजनैतिक रसूख हो या फिर मोटा कमीशन मिलने पर फील्ड का भृमण और निरीक्षण इन्हें नागवार लगता है।
भारत के प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांछी योजना जल जीवन मिशन योजना कही ग्रामीण नल जल योजना की तरह भृस्टाचार का शिकार होकर फ्लॉप न हो जाये जिस कारण घर घर पानी की आस लगाए बैठी जनता के घरों में लगी नल की टोंटी मात्र सज्जा सामान बनकर रह जाये।
जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियो,प्रशासनिक अमले को मोदी की जल जीवन मिशन जैसी अनूठी योजना को सफल बनाने हेतु ठोस और कारगर कदम उठाने चाहिए ताकि लापरवाहों और भरस्टाचारियो पर विधि सम्मत कार्यवाही सुनिश्चित हो सके।
गढ़ी पडरिया के ग्रामीण ससनकित है कि कही व्रन्दावन बांध जैसे सपने इस जल जीवन मिशन में भी चकनाचूर न हो जाये।
इनका कहना बहुत ही घटिया गुणवत्ताहीन कार्य किया गया है,पाइपलाइन अधूरी है,जहां पाइप लाइन डाली गई है वहां भी कुछ लोगो के घर मे ही पानी आता है,ठेकेदार द्वारा सार्वजनिक शौचालय की लाइन तोड़ दी गई और उसे ठीक नही करवाया गया।अधिकारियों को अवगत कराने पर केवल आश्वासन ही मिलता है कोई कार्यवाही नही होती,मेरे ऊपर ठेकेदार एन ओ सी के लिए दबाव बना रहा है लेकिन गुणवत्ताहीन और अधूरा कार्य होने के कारण मैन एन ओ सी नही दी।
~अशोक कुशवाहा
सरपंच ग्राम पंचायत
गढ़ी पड़रिया
बहुत ही घटिया स्तर का कार्य ठेकेदार द्वारा किया गया है,मेरे दरवाजे पर पाइपलाइन के गड्ढे है जिस कारण मुझे अपनी बाइक दूषरे के घर मे रखनी पड़ती है,पानी सप्पलाई से मात्र कुछ घरों में ही पानी आता है मैने अधिकारियों सहित सी एम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज करवाई है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई।
रिपोर्ट … डॉ भरत नरेश गर्ग
पन्ना ब्यूरो चीफ
प्रोग्रेस ऑफ़ इंडिया न्यूज