हाकर्स कार्नर पर लगने वाले नाश्ते के ठेलों, छोटे- छोटे भोजनालय, फास्ट फूड की दुकान, चाट भंडार, नाश्ता घर, ढाबों, रेस्टोरेंट में धड़ल्ले से घरेलू सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है। यही कारण है कि घरेलू उपभोक्ताओं को उनके बुक किए हुए सिलेंडर समय पर नहीं मिल पाते हैं और वह एजेंसी के चक्कर लगाते रहते हैं।
शहर में घरेलू गैस सिलेंडर की जमकर कालाबाजारी जारी है। यह सिलेंडर उपभोक्ता को मिले या न मिले, लेकिन खाद्य प्रतिष्ठान संचालकों को जरूर मिल जाते हैं। दरअसल जिला खाद्य आपूर्ति शाखा की अनदेखी के कारण गैस एजेंसी संचालक मनमानी पर उतारू हैं। हालत यह है कि घरेलू उपभोक्ता सिलेंडर की बुकिंग करने के बाद सात से 10 दिन तक इंतजार कर रहे हैं। उनको समय पर सिलेंडर नहीं मिलने से वह एजेंसी के चक्कर लगाने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने इसकी शिकायत ऊपरी अधिकारियों से तक की है, लेकिन एजेंसी संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
जिले में घरेलू सिलेंडर का व्यवसायिक उपयोग शुरू से ही होता चला आ रहा है, लेकिन पहले लोगों में प्रशासन का डर था। इस वजह से कुछ ही दुकानों पर होता था, लेकिन अब किसी भी तरह का कोई खौफ नहीं रह गया है। यही कारण है हाकर्स कार्नर पर लगने वाले नाश्ते के ठेलों, छोटे- छोटे भोजनालय, फास्ट फूड की दुकान, चाट भंडार, नाश्ता घर, ढाबों, रेस्टोरेंट में धड़ल्ले से घरेलू सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है। नतीजतन, घरेलू उपभोक्ताओं को उनके बुक किए हुए सिलेंडर समय पर नहीं मिल पाते हैं और वह एजेंसी के चक्कर लगाते रहते हैं।
तय समय में मिलना चाहिए
जानकारी के अनुसार घरेलू गैस सिलेंडर की बुकिंग करने के बाद उपभोक्ताओं को 24 से 48 घंटे में मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। उपभोक्ता सिलेंडर की बुकिंग तो कर देते हैं लेकिन डिलेवरी सात से आठ दिन के बाद ही हो रही है। सूत्र बताते हैं कि उपभोक्ताओं के नाम के सिलेंडर कई बार व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में खपा दिए जाते हैं। जब वह लगातार शिकायत करते हैं, तब जाकर उनके हक का सिलेंडर घर तक पहुंचता है।
खाद्य अमले की कार्रवाई ठप
जिले में पिछले कई महीनों से जिला खाद्य शाखा द्वारा सिलेंडरों को लेकर बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। शहर के करोंद, न्यूमार्केट, टीटीनगर, छह नंबर, चौक बाजार, काजी कैंप, डीआइजी बंगला, हाउसिंग बोर्ड, बरखेड़ा पठानी, आनंद नगर, अयोध्या नगर, सेकंड स्टाप सहित अन्य क्षेत्रों में संचालित छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों में घरेलू सिलेंडर उपयोग किए जाते हैं। कुछ वर्ष पहले कार्रवाई की गई थी, तब घरेलू सिलेंडरों का व्यवसायिक उपयोग होना पाया गया था, लेकिन अब पूरी तरह से कार्रवाई ठप हो गई है।
फैक्ट फाइल
– घरेलू गैस सिलेंडर उपभोक्ता – 5 लाख
– कुल गैस एजेंसियां – 35
– बुकिंग के बाद डिलेवरी – 48 घंटे में
आनलाइन बुकिंग के बाद भी नहीं मिलता समय पर सिलेंडर
मैंने बुधवार को सिलेंडर की आनलाइन बुकिंग की थी। जब आठ दिन बाद भी नहीं आया तो गैस एजेंसी पर जाकर शिकायत की तो बताया गया कि अभी गैस की आपूर्ति प्रभावित है। इस वजह से समय लग रहा है।
– रजनी शर्मा, उपभोक्ता
मेरी पत्नी के नाम से घरेलू गैस सिलेंडर का कनेक्शन है। मैंने आनलाइन बुकिंग की थी। 10 दिन बाद भी सिलेंडर घर नहीं पहुंचा। इससे एजेंसी पर संपर्क किया तो उन्होंने कोई भी ठोस जबाव नहीं दिया।
– अजीत शर्मा, उपभोक्ता
पिछले कुछ महीनों से बुकिंग करने के बाद भी सिलेंडर समय पर नहीं मिल रहा है। यदि शिकायत करना चाहो तो नंबर हमेशा व्यस्त जाता है। ऐसे में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
– तनु मिश्रा, उपभोक्ता
इनका कहना है
जिले में घरेलू गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं को तय समय पर दिया जाना चाहिए। इसकी जिम्मेदारी गैस एजेंसी की है साथ ही इनकी निगरानी करने के निर्देश जिला खाद्य शाखा को पूर्व से हैं।यदि एजेंसी संचालकों द्वारा वितरण प्रणाली में लापरवाही बरती जा रही है तो कार्रवाई की जाएगी।वहीं व्यवसायिक उपयोग करने वाले कारोबारियों पर भी कार्रवाई होगी।
– कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर, भोपाल