नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रदेशभर में संचालित वेटरनरी डिप्लोमा कालेज के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में अब डेढ़ साल की पढ़ाई होगी और शेष छह माह व्यावहारिक ज्ञान को समाहित किया जाएगा।इस कोर्स को तैयार करने में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य वेटरनरी विश्विविद्यालय के विशेषज्ञों की मदद ली गई है।
दो वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्री वेटरनरी डिप्लोमा टेस्ट हर साल प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड लेता है।हर साल इस परीक्षा में लगभग 4 हजार से ज्यादा उम्मीदवार शामिल होते हैं, लेकिन प्रवेश आठ सौ को मिलता है।पांच सौ सीट शासकीय वेटरनरी डिप्लोमा कालेज की हैं और शेष निजी डिप्लोमा कालेज की।दो वर्षीय पाठ्यक्रम में वेटरनरी क्षेत्र से जुड़े हर विषयों का अध्ययन कराया जाता है, व्यावहारिक ज्ञान नहीं है।व्यावहारिक के नाम पर सिर्फ प्रयोगशाला में प्रैक्टि्कल ही लिया जाता है।दो वर्षीय पाठ्यक्रम में डेढ़ साल में तीन सेमेस्टर किताबी ज्ञान दिया जाएगा, शेष एक सेमेस्टर में व्यावहारिक ज्ञान मिलेगी।व्यावहारिक ज्ञान में छात्रों को वेटरनरी विश्वविद्यालय, कालेज और हास्पिटल में इंटर्नशिप कराई जाएगी।पशुओं के इलाज से लेकर दवाइयों का ज्ञान और पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान करने का तरीका बताया जाएगा।व्यावहारिक ज्ञान के दौरान हर छात्र को इसकी की परीक्षा देनी होगी, ताकि उनके ज्ञान को परखा जा सके।यह ज्ञान उनके फील्ड में काम आएगा, ताकि वे पशुओं का इलाज आसानी से कर सकें।