अक्षय तृतीया पर तीन मई को पंचग्रहों के सात महायोग का निर्माण हो रहा है। तिथि व नक्षत्र का संयोग 24 घंटे होने से खरीदारी, निवेश के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा। इस बार अक्षय तृतीया पर सूर्य, चंद्र और शुक्र उच्च राशि में गुरु और शनि अपनी ही राशि में रहेंगे। इसके साथ ही केदार, शुभकर्तरी, उभयचरी, विमल, सुमुख, शोभन और मातंग योग का महा संयोग निर्मित हो रहा है। श्री काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर ग्रहों व योगों के महा संयोग से शुभ स्थितियां निर्मित हो रही हैं। मंगलवार को तृतीया तिथि होने से सिद्धि योग का निर्माण हर कार्य में सफलता दिलाएगा। ये तिथि आरोग्य देने वाली होती है। ऐसे में इस दिन को अक्षय तृतीया कहा जाता है व इसी वजह से इस दिन की गई खरीदारी सुख व समृद्धि देने वाली होती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यही वो दिन है जब भगवान शिव ने कुबेर को खजाना व माता लक्ष्मी को धन की देवी होने का आशीर्वाद दिया था। अक्षय तृतीया पर कीमती धातु, ज्वेलरी, मशीनरी व भूमि-भवन की खरीदारी होती है। इनके अलावा कपड़े, बर्तन, फर्नीचर खरीद सकते ।
तृतीया को जया तिथि कहते हैं। वहीं, भूमि पुत्र मंगल देव भूमि के स्वामी ग्रह होते हैं। इस तिथि पर रियल एस्टेट में निवेश व जमीन की खरीदी-बिक्री फायदेमंद रहेगी। ग्रंथों के अनुसार, इस दिन सोना खरीदने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और घर-परिवार में सदैव खुशहाली रहती है।
अक्षय तृतीया पर सोने चांदी के गहनों का विशेष महत्व होता है। लोग अपनी पसंद के हिसाब से गहने खरीदने में जुट गए हैं। भेलूपुर स्थित दुकान के डायरेक्टर संतोष अग्रवाल ने बताया कि सोने की बढ़ती कीमतों के बीच ग्राहकों के बजट के हिसाब से ज्वेलरी उपलब्ध है। बताया कि इस बार 20 से 25 फीसदी कारोबार बढ़ने की उम्मीद है।