Bhopal News : भोपाल । सूचना के अधिकार के तहत लोक सूचना अधिकारी से मांगे गए सवाल का जबाव देना अनिवार्य है। आरटीआइ की जानकारी नहीं देने पर संबंधित लोक सूचना अधिकारी पर जुर्माने व दंड का प्रविधान भी है।
इसके बावजूद नगर निगम भोपाल के अधिकारी आरटीआइ अधिनियम का मजाक उड़ा रहे हैं। अपील करने के बाद भी अनियमितता, भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची के मामले में सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराते हैं।
ऐसा नहीं कि नगर निगम के अधिकारी सूचना देने के मामले में केवल आरटीआइ कार्यकर्ताओं को गुमराह करते हैं, बल्कि ये भाजपा व कांग्रेस के पार्षदों को भी सही जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। वार्ड क्रमांक 78 से कांग्रेस पार्षद मोहम्मद रियाज बताते हैं कि उन्होंने नगर निगम में शामिल की गई बीडीए और हाउसिंग बोर्ड की कालोनियों को शामिल करने के दौरान जमा कराई गई विकास शुल्क से संबंधित जानकारी मांगी थी। लेकिन अधिकारियों ने इसमें बताया कि नगर निगम के पास इससे संबंधित नस्तियां उपलब्ध नहीं है। इसलिए जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है। ऐसा ही जबाव अन्य आरटीआइ में से मांगी जानकारी में दिया जा रहा है।
केस-एक
आरटीआइ कार्यकर्ता अरविंद शाक्या ने बीते कुछ माह पहले हमीदिया रोड पर निर्मित एक होटल की भवन अनुमति के संबंध में जानकारी मांगी थी, लेकिन इसमें लोक सूचना अधिकारी ने कहा कि आवेदक पहले अनुमति और भूखंड क्रमांक की अनुमति उपलब्ध कराए। इसके बाद जानकारी दी जाएगी। इसी प्रकार अरविंद ने एक दूसरी जानकारी मांगी, जिसकी नगर निगम द्वारा दे दी गई। इसके बाद जब तीसरी बार उन्होंने आरटीआइ लगाई तो लोक सूचना अधिकारी ने जबाव दिया कि यह जानकारी निजी व्यक्ति से संबंधित है, इसलिए जानकारी नहीं दी जा सकती।
केस- दो
कांग्रेस पार्षद मो. रियाज ने नगर निगम से आटीआइ के माध्यम से सभी 85 वार्डों में बनाए गए जीव्हीपी(गारबेज वल्नेरेबल पाइंट) से संबधित जानकारी मांगी थी। लेकिन इसमें केवल जोन तीन की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया कि जोन क्रमांक तीन में एक भी जीपीव्ही पाइंट नहीं बनाए गए हैं। जबकि शहर में 150 से अधिक जीव्हीपी पाइंट बनाए गए हैं, इसमें जनता के करोड़ो रुपये राशि खर्च हुई है।
केस-तीन
कांग्रेस के आरटीआइ प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पुनीत टंडन ने नगर निगम में बीते तीन वर्षों से काम कर रहे सामाजिक संगठन और इनकों किए गए भुगतान के संबंध में जानकारी मांगी थी, लेकिन लोक सूचना अधिकारी ने इसके जबाव में भी हेरफेर कर दिया। बात दें कि आवेदक ने निगम की सभी शाखाओं में एनजीओ द्वारा किए गए कार्याें की जानकारी मांगी थी, जबकि जबाव में कहा गया कि एनयूएलएम शाखा में वर्तमान में कोई एनजीओ काम नहीं कर रहा है।
इनका कहना
नगर निगम सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी देने के लिए प्रतिबद्ध है। यदि इसमें लोक सूचना अधिकारी द्वारा लापरवाही बरती जा रही है, तो इसकी जांच कराएंगे।
– केवीएस चौधरी कोलसानी, आयुक्त नगर निगम