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मध्य प्रदेश: अब रीवा संभाग में होंगे 5 जिले, मऊगंज बनेगा मप्र का 53वां जिला

मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के रीवा संभाग में अब 5 जिले होने जा रहे हैं। बता दें कि अभी तक रीवा संभाग में 4 जिले हैं- रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली परंतु अब मऊगंज मप्र का पांचवां जिला होगा, जिसे रीवा जिले से अलग करके मप्र का 53वां जिला बनाया जाएगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आगामी 4 मार्च को मऊगंज आकर खुद मऊगंज को जिला बनाए जाने की घोषणा करेंगे। वहीं इसी के साथ सतना जिले के मैहर को भी जिला बनाए जाने की मांग ने तूल पकड़ लिया है।

वहीं मध्यप्रदेश में बीना, नागदा और चाचौड़ा को भी जिला बनाए जाने की भी मांग उठ रही है। बता दें कि काफी लंबे समय बाद मप्र में एक बार फिर नया जिला बनाने की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आने वाले 4 मार्च को रीवा जिले के मऊगंज में आयोजित एक समारोह में मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा कर सकते हैं और इसकी लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

वहीं वर्तमान में रीवा जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं। मऊगंज के जिला बनने के बाद मऊगंज, त्योंथर, देवतालाब और मनगवां विधानसभा क्षेत्र नए जिले में शामिल किए जाएंगे, जबकि रीवा, सिरमौर, गुढ और सेमरिया विधानसभा क्षेत्र रीवा जिले में ही रहेंगे। ठीक इसी तरह तहसीलों का भी बंटवारा किया जाएगा। आपको बता दें कि मऊगंज मध्य प्रदेश का 53वां जिला बनेगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा की गई थी। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा फिर ठंडे बस्ते में चली गई थी। वहीं कांग्रेस की कमलनाथ सिंह सरकार के जाने के बाद और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आने के बाद से मऊगंज को जिला बनाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया था।

वहीं विधानसभा चुनाव से 8 महीने पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा करके बड़ा सियासी दांव खेलने वाले हैं। परंतु इस निर्णय से क्या मनगवां और त्योंथर विधानसभा की जनता खुश होगी, यह भी एक बड़ा प्रश्न है। बता दें कि मप्र में वर्तमान में कुल जिलों की संख्या 52 है।

मिली जानकारी के मुताबिक 18 मार्च 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ सिंह ने 3 नए जिले सतना में मैहर, उज्जैन में नागदा और गुना में चाचौड़ा को नया जिला बनाने की घोषणा की थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार चली जाने के बाद कमलनाथ के इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

मध्य प्रदेश में जिलों के बारे में कुछ रोचक बातें –

– वर्ष 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के समय कुल 43 जिले थे।

– वर्ष 1972 में दो नए जिले बनाए जाने पर जिलों की संख्या बढ़कर 45 हो गई।

– वर्ष 1998 में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार ने 16 नए जिले एक साथ बनाए। जिससे कि मध्य प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 61 हो गई।

– वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग किया गया और एक अलग राज्य बनाया गया और सभी 16 जिले नए राज्य छत्तीसगढ़ में दे दिए गए। इस प्रकार मप्र में कुल जिलों की संख्या एक बार फिर 45 हो गई।

– वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने 3 नए जिले बुरहानपुर, अनूपपुर, अशोकनगर बनाए। जिससे जिलों की कुल संख्या बढ़कर 48 हो गई।

– वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो नए जिले अलीराजपुर और सिंगरौली बनाए। जिससे मध्य प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 50 हो गई।

– मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यानि भाजपा सरकार ने 16 अगस्त 2013 में एक नया जिला आगर मालवा और अक्टूबर 2018 में एक और नया जिला निवाड़ी बनाया, जिससे मप्रमें जिलों की कुल संख्या बढ़कर 52 हो गई।

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