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बल्ले से पिटने वाले अधिकारी ने कोर्ट में बदला बयान, बोला- BJP विधायक ने नहीं मारा

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इंदौर के बल्ला कांड में मार खाने वाले अधिकारी और घटनास्थल पर मौजूद अधिकारी दोनों कोर्ट में अपने बयान से पलट चुके हैं. इससे बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को बड़ी राहत मिल सकती है.

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बल्ले से पिटने वाले अधिकारी ने कोर्ट में बदला बयान, बोला- BJP विधायक ने नहीं मारा

मध्य प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय को बल्ला कांड में बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि मारे खाने वाले अधिकारी और वहां मौके पर मौजूद अधिकारी अपने बयान से पलट चुके हैं. पहले मारे खाने वाले अधिकारी धर्मेंद्र बायस ने कहा था कि उन्होंने नहीं देखा कि बल्ला किसने चलाया था. वहीं अब घटना के समय मौके पर मौजूद अधिकरी असित खरे ने कहा कि उनके सामने किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हुई थी. विशेष न्यायाधीश के समक्ष दोनों अधिकारियों का बयान होने के बाद जल्द ही मामले की अगली सुनवाई हो सकती है.

बता दें, आकाश विजयवर्गीय इंदौर क्रमांक- 3 विधानसभा से बीजेपी के विधायक हैं. मध्य प्रदेश की राजनीति में उनके पिता कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा नाम है. बीजेपी के बड़े नेताओं में उनकी गिनती होती है, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय की छवि को उस समय नुकसान पहुंचा था, जब उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम के एक अधिकारी को बल्ले से मार दिया था. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

जानें क्या था मामला

जानकारी के अनुसार, मामला 26 जून 2019 का था. इंदौर के गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की कार्रवाई के दौरान विवाद हो गया था. बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय भी घटनास्थल पर अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे. नगर निगम के अधिकारियों की कार्रवाई से नाराज आकाश विजयवर्गीय ने अधिकारी धर्मेंद्र बायस पर बल्ले से हमला कर दिया था. जब इस घटना के वीडियो वायरल हुआ तो बीजेपी की जमकर किरकिरी हुई.

स्पेशल कोर्ट में चल रही थी सुनवाई

आनन-फानन में एमजी रोड स्थित थाने में विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया. पुलिस ने आकाश विजयवर्गीय सहित उनके 11 समर्थकों को गिरफ्तार कर कोर्ट मे पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. चूंकि आकाश विजयवर्गीय विधायक थे तो इस वजह से उनका केस भोपाल स्थित स्पेशल कोर्ट में चला. तीन दिन बाद ही 29 जून को विधायक और उनके समर्थकों को कोर्ट से जमानत मिल गई.

दोनों अधिकारी अपने बयान से पलटे

वहीं पुलिस के सामने विधायक के खिलाफ बयान देने वाले अधिकारी धर्मेंद्र बायस कोर्ट में अपने बयान से ही पटल गए. उन्होंने कहा कि उन पर बल्ले से हमला हुआ था, लेकिन हमला किसने किया, यह वह नहीं देख पाए, क्योंकि वह फोन पर बात कर रहे थे और हमला पीछे से हुआ था. उस समय आकाश विजयवर्गीय के हाथ में बल्ला था तो उन्होंने पुलिस से उनके खिलाफ शिकायत कर दी. वहीं अब मौके पर मौजूद एक अन्य अधिकारी असित खरे भी अपने बयान से पलट गए. उन्होंने कहा कि उनके सामने किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हुई थी.

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