bhopal newsआज फोकस मेंआज फोकस मेंक्विक फैक्ट्स

मध्य प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों पर ईडी की नजर, पांच इंजीनियरों की संपत्ति का ब्योरा मांगा

ईडी लंबे समय से अगस्त 2018 से फरवरी 2019 के बीच सिंचाई परियोजना के दस्तावेजों को खंगाल रही थी। इस अवधि में स्वीकृत बांदा बांध, हनोता बांध, वर्धा बांध, अन्य चार परियोजनाओं के कार्यों और भुगतान, प्रेशर पाइप कार्य इकाई और बांधों की नींव को पतला करने की जानकारी चाही।

भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर मध्य प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों पर पड़ गई है। संस्था ने जल संसाधन विभाग से पांच अभियंताओं (इंजीनियरों) राजीव कुमार सुकलीकर, शरद श्रीवास्तव, शिरीष मिश्रा, अरविंद उपमन्यु और प्रमोद कुमार शर्मा की संपत्ति का ब्योरा मांगा है। ये 3333 करोड़ के निर्माण कार्यों में गड़बड़ी एवं मनी लांड्रिंग मामले में संदिग्ध हैं। उनकी चल एवं अचल संपत्ति के साथ नौकरी में आने से लेकर अब तक के वेतन का भी हिसाब मांगा गया है। इस कार्रवाई के साथ ही मध्य प्रदेश में ईडी की इंट्री हो गई है। संस्था पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित खनन, अवैध वसूली और जमीन से जुड़े मामले में अधिकारियों के खिलाफ सर्वे की कार्रवाई कर चुकी है।

जानकार बताते हैं कि ईडी लंबे समय से अगस्त 2018 से फरवरी 2019 के बीच सिंचाई परियोजना के दस्तावेजों को खंगाल रही थी। संस्था ने इस अवधि में स्वीकृत बांदा बांध, हनोता बांध, वर्धा बांध, अन्य चार परियोजनाओं के कार्यों और भुगतान, प्रेशर पाइप कार्य इकाई और बांधों की नींव को पतला करने की जानकारी चाही है। ईडी ने सभी के पैन नंबर, नौकरी में कहां-कहां किन पदों पर पदस्थ रहे इसका भी ब्योरा मांगा है।

उल्लेखनीय है कि रतनगढ़, पेंच, पार्वती नदी से जुड़ी सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के लिए ठेकेदार राजू मेंटाना को एडवांस 887 करोड़ रुपये भुगतान करने के मामले में भी राजीव कुमार सुकलीकर संदिग्ध हैं। शासन इस मामले की जांच वर्ष 2019 से कर रही है पर अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है। इस बीच सुकलीकर सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। वहीं प्रमोद कुमार शर्मा को हाल ही में सरकार ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में सदस्य सचिव नियुक्त किया है। अरविंद उपमन्यु सागर में मुख्य अभियंता के प्रभार में हैं तो शिरीष मिश्रा जल संसाधन मुख्यालय में मुख्य अभियंता (खरीद) हैं। ये निविदा से संबंधित काम देखते हैं।

मेंटाना को कर दिया 887 करोड़ रुपये का एडवांस भुगतान

मध्य प्रदेश में सिंचाई संरचनाओं के निर्माण में वर्ष 2013 से सक्रिय मेंटाना कंस्ट्रक्शन कंपनी को जल संसाधन विभाग ने छिंदवाड़ा कांप्लेक्स का करीब दो हजार करोड़ काम दिया था। पेंच व्यपवर्तन परियोजना सिवनी कैनाल के लिए 156 करोड़ रुपये सहित एक अन्य काम का ठेका दिया। इन कामों को शुरू करने के लिए कंपनी ने मशीनें खरीदने के लिए एडवांस राशि मांगी, तो विभाग ने 887 करोड़ रुपये एडवांस दे दिए। इसके बाद कंपनी ने काम ही नहीं किया। यह मामला विधायक दिनेश राय मुनमुन ने विधानसभा में उठाया था। उन्होंने विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया की भी घेराबंदी की थी। विधानसभा में मामला आने के बाद राजनीति गरमा गई और राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (इओडब्ल्यू) को जांच सौंपी गई थी। राजीव कुमार सुकलीकर ने जब उनका पक्ष जानने के लिए मोबाइल पर बात की गई तो उन्होंने जवाब देने के बजाए फोन काट दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button