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Mahakal Lok: श्रीमहाकाल लोक बनाने में एक करोड़ 20 लाख की सामग्री शर्तों के अनुसार नहीं लगाई

Mahakal Lok: लोकायुक्त की तकनीकी टीम ने साढ़े तीन महीने की जांच के बाद तीन आइएएस समेत 15 को भेजा नोटिस। सभी के जवाब आने पर दर्ज हो सकती है प्राथमिकी। शिकायत में कहा गया है कि भूतल पर बनी पार्किंग में सौर ऊर्जा पैनल के निर्माण में सामग्री बदलीगई।

Publish Date: | Fri, 21 Oct 2022 09:58 PM (IST)

Mahakal Lok: श्रीमहाकाल लोक बनाने में एक करोड़ 20 लाख की सामग्री शर्तों के अनुसार नहीं लगाई

Mahakal Lok: भोपाल। उज्जैन में श्रीमहाकाल लोक निर्माण के पहले चरण में तीन करोड़ 62 लाख रुपये से हुए निर्माण कार्यों में एक करोड़ 20 लाख (33 प्रतिशत) में सामग्री तय शर्तों के अनुसार नहीं लगाई गई। कार्य स्वीकृति आदेश में शेेड्यूल आफ रेट (एसओआर) में जो सामग्री लगानी थी उसकी जगह दूसरी चीजों का उपयोग ठेकेदार एमपी बाबरिया ने किया। इस तरह ठेकेदार और अध‍िकारियों ने मिलकर करीब एक करोड़ रुपये की हेराफेरी की है।

शिकायत में विधायक परमार ने अंशुल गुुप्ता पर सीधाआरोप लगाया है कि उन्होंने ठेकेदार बाबरिया को एक करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया है। इस शिकायत के बाद लोकायुक्त कार्यालय ने 20 मई को अंशुल गुप्ता को पत्र लिखकर जांच संबंधी दस्तावेज मांगे थे। जून में दस्तावेज मिलने के बाद से जांच चल रही थी।

शिकायत में कहा गया है कि भूतल पर बनी पार्किंग में सौर ऊर्जा पैनल के निर्माण में सामग्री बदली गई है। गड़बड़ी के लिए नियोजित तरीके से निविदा शर्तों में पीडब्ल्यूडी एसओआर की जीआइ शीट शामिल की गई थी। बाद में पालीकार्बोनेट की सस्ती सीट लगाई गई।

यह भी सवाल है कि जब स्मार्ट सिटी में सभी सामग्री शहरी विकास एवं आवास विभाग (यूएडीडी) एसओआर से ली जाती है तो जीआइ शीट का पीडब्ल्यूडी से लेने की शर्त क्यों रखी गई।

क्या है एसओआर- सभी विभाग निर्माण कार्य के लिए हर सामग्री की दर तय करते हैं। यह दर समय-समय पर बदलती रहती है। यही एसओआर है।

इन्हें जारी किया गया नोटिस

उज्जैन कलेक्टर और स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष आशीष सिंह, स्मार्ट सिटी उज्जैन के तत्कालीन कार्यपालक निदेशक क्षितिज सिंघल, तत्कालीन नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता के अलावा स्मार्ट सिटी उज्जैन के मनोनीत निदेशक सोजन सिंह रावत, दीपक रतनावत, स्वतंत्र निदेशक श्रीनिवास नरसिंह राव पांडुरंगी, स्मार्ट सिटी उज्जैन के सीइओ आशीष पाठक, तत्कालीन सीइओ जितेंद्र सिंह चौहान, तत्कालीन अधीक्षण यंत्री धर्मेंद्र वर्मा, मुख्य वित्त अधिकारी जुवान सिंह तोमर, , तत्कालीन कार्यपालन यंत्री फरीदउद्दीन कुरैशी, कमल कांत सक्सेना (सहायक यंत्री), आकाश सिंह (उपयंत्री ), पीडीएमसी उज्जैन स्मार्ट सिटी के टीम लीडर संजय शाक्य और जूनियर इंजीनियर तरुण सोनी।

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