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अनूपपुर में पीने के पानी की बूंद-बूंद को तरसे लोग, नल जल योजना के नाम पर करोड़ों खर्च पर नतीजा सिफर

अनूपपुर जिले में कहने को तो जल जीवन मिशन, व नल जल योजना के माध्यम से सरकार के द्वारा पीने के पानी के लिए करोड़ों रुपए खर्च किया जा चुका है. लेकिन नतीजा यह है कि यहां पीने के पानी की पानी के बूंद बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं.

अनूपपुर: जिले में शासन की जल जीवन मिशन यानी नल जल योजना दिखावा बन चुकी है. यहां पीने के पानी की बूंद-बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं. पानी की भीषण समस्या से यहां की जनता पीड़ित है. अनूपपुर जिले के चारों अनुभाग पुष्पराजगढ़, अनूपपुर, जैतहरी व कोतमा चाहे वह शहरी क्षेत्र हो या फिर ग्रामीण क्षेत्र सभी जगह में पानी की किल्लत है. कई जगह तो नौनिहालों के आंगनवाड़ी में पाइप और नल तो लगा दिए गए हैं. छत पर टंकी भी लगा दी गई है. लेकिन पानी पहुंच से कोसों दूर है. शहरी क्षेत्रों मे करोड़ों रुपए खर्च कर पाइप लाइन तो बिछा दी गई है. लेकिन पानी की सप्लाई आज तक टैंकर के माध्यम से ही बदस्तूर जारी है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों मे सरकार की नल जल योजना भी छलावा साबित हो रही है.

ढोंडी से पानी भरने के लिए रात-रात भर जागते हैं ग्रामीण


अनूपपुर जिले में कहने को तो जल जीवन मिशन, व नल जल योजना के माध्यम से सरकार के द्वारा पीने के पानी के लिए करोड़ों रुपए खर्च किया जा चुका है. इसके वावजूद आज यहां बूंद बूंद पानी के लिए यहां कि ज्यादातर आबादी को कई किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है. कहीं कहीं तो पूरा गांव एक ढोड़ी नुमा कुए पर आश्रित है, जहां सुबह चार बजे से ही लोग पानी के लिए लाइन लगा लेते हैं. अनूपपुर जनपद अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत रेउंदा के सरपंच का कहना है की करीब 1500 की आबादी वाले इस गांव के लोग एक ही ढोंडी से पानी भरने के लिए रात-रात भर जागते हैं. उनका यह भी कहना है की कई बार पत्राचार के माध्यम से व स्वयं जाकर अधिकारी व नेताओं को पानी की इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.

जल जीवन मिशन बना दिखावा


अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद अंतर्गत भी यहां की जनता बूंद-बूंद पानी के लिए जबरदस्त संघर्ष करती नजर आती है. पुष्पराजगढ़ जनपद अंतर्गत ग्रामीणों को जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पानी देने के लिए दो बड़े संयंत्र दमेहडी व किरगी गांव में बना दिए गए है. जिनकी योजना थी की 76 गांवों को इसका लाभ मिलेगा, वह योजना भी दिखावा साबित हो रहीं है. लेकिन पानी की किल्लत अभी भी बनी हुई है. यही ग्रामीणों का कहना है तो कहीं-कहीं कई किलोमीटर दूर तक तक जाकर पानी लाने के लिए जाना पड़ता है.

पानी लाने के लिए पार करना पड़ता है रेलवे लाइन


अनूपपुर जिले के कोतमा नगर पालिका भी पीछे नहीं है. आज भी नगर पालिका अंतर्गत कई वार्ड ऐसे हैं. जहां पीने के पानी के लिए वार्ड वासी जद्दोजहद कर रहे हैं. कई किलोमीटर दूर से रेलवे लाइन को पार करके लोग पानी ला रहे हैं. वहीं कोतमा जनपद अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के घरों तक पीने का पानी पहुंचाने की मुहीम दिखावा साबित हो रही है. लोगों के घरों के पास तक नल तो पहुंचाया जा चुका है. लेकिन जल आज भी नहीं पहुंच रहा है और जो नल लगाया भी गया है वह भी आधा अधूरा जीर्ण हालत में पड़ा है. यह बात भी यहां के लोगों को समझ में आ गई है. ग्रामीण खुद इसे शासकीय राशि का दुरूपयोग मान रहे हैं और जो हैंडपंप भी लगे हैं, वह भी कंडम स्थिति में है या फिर पानी की जगह हवा निकाल रहे हैं.

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