भोपाल, मध्यप्रदेश : राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर अब प्रशासन स्तर पर चिंता की जा रही है। परिवहन से लेकर यातायात पुलिस तक सबकी जिम्मेदारी तय की गई है।
भोपाल, मध्यप्रदेश राजधानी के बढ़ते वायु प्रदूषण को अब पांच विभाग मिलकर करेंगे नियत्रंण,
। राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर अब प्रशासन स्तर पर चिंता की जा रही है, इसके लिए वायु मंडल से धूल और धुआं को कम करने के लिए सभी सम्बंधित विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है। परिवहन से लेकर यातायात पुलिस तक को वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कार्य करने को कहा गया है। परिवहन, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, नगर निगम, यातायात पुलिस और मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मिलकर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करेंगे।वायु प्रदूषण नियत्रंण को लेकर भोपाल संभागायुक्त गुलशन बामरा ने कमर कस ली है, उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को स्पष्ट कर दिया है कि वायु प्रदूषण के मामले में गंभीरता से कार्य करना है। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस संबध में संभागायुक्त श्री बामरा एयर क्वालिटी इंडेक्स की सतत मॉनीटरिंग के लिए और स्टेशन बनाने और लोक निर्माण विभाग सहित राजधानी में सभी शासकीय निर्माण एजेंसियों को सड़कों के दोनों तरफ संपूर्ण विकास करने के निर्देश दिए।
राजधानी के बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए किस विभाग को क्या जिम्मेदारी
:परिवहन विभाग :सभी पेट्रोल पम्प एवं सर्विस सेंटर्स में पीयूसी सेंटर की गतिविधियों की जांच करना, जिससे प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर रोक लगाई जा सकें। व्हीकल फिटनेस की मॉनिटरिंग, पीयूसी मापन इंस्ट्रूमेंट का समय-समय पर स्थिति जांचना, नए इलेक्ट्रिक व्हीकल और सीएनजी व्हीकल को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा।खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग :वाहनों में क्लीन फ्यूल सीएनजी, एलएनजी का उपयोग बढ़ाने के लिए प्रयास करना। ईधन में मिलावट पर रोक लगाना। ढाबा, रेस्टोरेंट, होटल्स, नाश्ता सेंटर्स, फूड स्टाल्स इत्यादि पर क्लीन फ्यूल का उपयोग करने के लिए विशेष अभियान चलाना है।नगर निगम :चौराहों का सुधार करने, रोड चौड़ीकरण, रोटरीज की रि-डिजायनिंग, पैदल यात्रियों के लिए सब वे निर्माण, मल्टी लेवल पार्किंग, मल्टीलेयर पार्किंग बढ़ाना एव स्ट्रीट पार्किंग को रोकना और नये इलेक्ट्रिक व्हीकल, सीएनजी व्हीकल को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने रोड डस्ट की नियमित सफाई (ड्राई क्लीनिंग), रोड्स की वेट क्लीनिंग, रोड शोल्डर्स, पेवमेंट का निर्माण, रोड साइड प्लांटेशन, ग्रीन बेल्ट्स का विकास खुले क्षेत्र, बगीचे, पार्क, सार्वजनिक स्थल, स्कूल एवं हाउसिंग सोसायटी इत्यादि सहित मुख्य चौराहों पर वाटर फाउण्टेन की स्थापना, शहर परिक्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली मरम्मत योग्य सड़कों की मरम्मत और पार्क डेव्लपमेंट को बढ़ावा देना है।
मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड :उद्योगों में वायु प्रदूषण नियंत्रण संयंत्रों की स्थापना एवं संचालन किया जाए।
यातायात पुलिस :ट्रैफिक का ऐसा संचालन करें जिससे रास्तों पर जाम की स्थिति न हो और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सकें।