30 मार्च 2022।भू माफिया एवं अतिक्रमण पर क्यों नहीं हो रहा रोकथाम?

ग्राउंड रिपोर्ट:प्रोग्रेस of india

आखिर क्यों नहीं भू माफियाओं एवं अतिक्रमण कार्यों पर पाबंदी नहीं लग पा रही –
बीरेंद्र सिंह बीरू (प्रदेश कार्यसमिति नेता भाजपा)
सतना ।30 मार्च 2022।
भू माफिया एवं अतिक्रमण पर क्यों नहीं हो रहा रोकथाम?
भाजपा , अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं विधानसभा क्षेत्र रैगांव के वरिष्ठ नेता बीरेंद्र सिंह बीरू ने कहा है कि *जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का भय बिल्कुल भी नहीं रह गया* ,वे बेखौफ हो कर सारे अवैध कार्यों के कार्य में संलग्न है । ऐसा लगता है कि प्रशासनिक मातहत कर्मचारी जिला के वरिष्ठ अधिकारियों से बिल्कुल भी नहीं डर रहे हैं। खासकर खनिज विभाग, राजस्व विभाग , वन विभाग एवं पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी । *भ्रष्ट अधिकारी पैसा देकर अपनी पोस्टिंग करवाते हैं ,, उन्हें जनप्रतिनिधियों का भी संरक्षण प्राप्त होता है* इसी कारण बिना डर और भय के नियम एवं कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध उत्खनन कारियो एवं भू माफियाओं ने चारागाह की आराजी को प्लाटिंग कर कर असरदार लोगों से सांठगांठ करके जिले की बेशकीमती जमीनो को बेंच रहे हैं!
हाल ही में
सतना शहर के मौजा अमौधा खुर्द की आराजी नम्बर 36=02 रकवा 3, 654 जो शासन की आराजी के रूप में क्रियान्वयन है , शासन की भू अभिलेख में दर्ज है ।
भाजपा के वरिष्ठ नेता बीरू ने अनुसार विगत कई वर्षों से इस आराजी में 1 दर्जन से अधिक लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है और आगे भी जारी है!जबकि उपरोक्त आराधिका मूल नंबर 36 रकवा 19 एकड़ जो चारा गाय के रूप में दर्ज है । आपने कहा है कि आखिरकार क्या कारण हैं कि इस प्रकार की अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा है यह तो एक नाम मात्र का उदाहरण है । भाजपा के वरिष्ठ नेता बीरू ने कहा कि हमारे पैतृक गांव वसुधा एवं कतकोन ग्राम पंचायत बहुत बड़ी है। और इन दोनों पंचायतों में काफी मात्रा में शासकीय जमीन एवं तालाब हैं लेकिन यहां पर भी दूसरे गांव के लोग आकर अवैध रूप से अतिक्रमण एवं अवैध उत्खनन नदियों पर कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता बीरू ने कहा है कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन इस प्रकार के कार्यों पर अंकुश लगाएं। खासकर शहरी क्षेत्रों से लगी जमीन पर विशेष ध्यान दें ।
जैसा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता बीरू ने बताया है कि आखिरकार मनरेगा जैसी योजनाओं को भ्रष्टाचार और अनियमितता से मुक्त करने की प्रशासनिक स्तर पर सूजभूज करके कड़ी निगरानी के साथ काम क्यों नहीं किया जा रहा है यह बहुत ही चिंता एवं गंभीर विषय है। वरना मनरेगा कार्यक्रम यूं ही भ्रष्टाचार और अनियमितता का शिकार होता रहेगा। योजनाकारों को भी इस बाबत मंथन करना होगा!