Bhopal News: मध्य प्रदेश में महिला आईएएस अधिकारी नेहा महाराज ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने एक वाट्सअप ग्रुप पर आपबीती लिखी है.
Bhopal News: मध्य प्रदेश के आईएएस (IAS) अधिकारियों के बीच के विवाद आजकल व्हाट्सएप ग्रुप पर आने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी (Manish Rastogi) से जुड़ा हुआ है. 2011 बैच की महिला आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या महिलाओं के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट में प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. जब एबीपी संवाददाता ने जानकारी जुटाई तो सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने अपनी आपबीती को एक व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा किया.
सीएम के प्रमुख सचिव पर लगाया गंभीर आरोप
नेहा मारव्या ने ग्रुप में लिखा है कि वह प्रमुख सचिव रस्तोगी के पास पदभार ग्रहण करने के लिए गई थीं. पहले तो उन्हें अंदर आने से मना कर दिया गया और बाद में पीएसए कहकर उन्हें बाहर करवा दिया गया. इस प्रकार उनकी प्रशासनिक स्तर पर बेज्जती की गई. इस संबंध में जब व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ी जानकारी हमने खंगाली तो पाया कि महिला आईएएस ने अपना दर्द बयां करते हुए. इस ग्रुप में लिखा है, ”यह पहला मौका है जब मैं कुछ लिख रही हूं. अभी नहीं बोला तो आईएएस होने के नाते शर्म आएगी.सीनियर मुझे अच्छे से गाइड कर सकेंगे मदद भी कर सकेंगे.”
उन्होंने लिखा है, ”मैं भोपाल में मनरेगा में एडिशनल सीईओ के तौर पर पदस्थ थी 4 जुलाई 2022 से 7 जुलाई तक अवकाश पर थी. 7 जुलाई की शाम सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव की ओर से कॉल आया और बताया गया कि उनका तबादला राजस्व विभाग में बतौर उप सचिव किया गया है. इसके बाद 8 जुलाई को मैं मनरेगा से रिलीव होने पहुंच गई. प्रक्रिया के बाद मुख्यमंत्री और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के चेंबर में गई. उन्होंने कहा तुम चेंबर में नहीं आ सकती, उनके पास कोई काम नहीं है. इसलिए तुम्हें सुधारने के लिए मेरे अंदर में रखा गया है. तुम्हें देखता हूं. उसके बाद मैंने उनसे अपनी गलती पूछी तो उन्होंने जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा तुम्हें बोलने का हक नहीं है.’
नौकर को बुलाकर मुझे गेट आउट कहा
महिला IAS ने व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा है, ”मैने उनसे निवेदन किया कि मनरेगा के वाहन से मैं आई थी उसे वापस कर दिया है. किसी वाहन से घर भिजवा दें. तो उन्होंने इनकार कर दिया. जब मैंने पूछा कि मैं घर कैसे जाऊंगी तो उन्होंने बोला कि स्टाफ से पूछ लो कि वह लोग वल्लभ भवन से घर कैसे जाते हैं. उन्होंने नौकर को बुलाकर मुझे गेट आउट कहा. उप सचिव ने मेरे लिए वाहन की व्यवस्था करने की कोशिश की, लेकिन प्रमुख सचिव ने उसे भी फटकार लगाते हुए मना कर दिया. इस मामले में चुप रहना चाहिए जब पीएस के पास मेरे लिए काम नहीं था तो उन्होंने मुझे अपने अंडर क्यों बुलवाया. क्यों उन्होंने मुझे प्रताड़ित करने के लिए रखा है बहुत दुखद.”
मामला सामने आने के बाद राजनीति गरमाई
इस घटना के बाद कई महिला आईएएस अधिकारियों और पूर्व अधिकारियों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. लेकिन अब इस मामले में राजनीति गरमा गई है. देखने वाली बात होगी कि क्या इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर किसी प्रकार का कोई संज्ञान लिया जाता है या नहीं.
रिपोर्ट
प्रोग्रेस ऑफ़ इंडिया न्यूज
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