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Madhya Pradesh News: फर्जी डिग्री मामले में हटाए गए ओएसडी अनिल पाठक की मंत्रालय में हुई वापसी

Madhya Pradesh News: भोपाल। निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री देने के मामले में उच्च शिक्षा विभाग से हटाए गए ओएसडी अनिल पाठक की पुन: मंत्रालय पदस्थापना कर दी गई है।

उन्हें विभाग के महत्वपूर्ण कार्य दिए गए हैं। पाठक को तत्कालीन अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा शैलेंद्र सिंह ने हटाया था। उन्हें हटाकर उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान भोपाल में पदस्थ किया था।

शैलेंद्र सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद केसी गुप्ता ने उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला और पाठक की मंत्रालय मे वापसी कर ली गई है। मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों और निजी विश्वविद्यालयों की साठगांठ के चलते 10 साल में चार हजार डिग्री बांटी गई।

हर डिग्री की कीमत 10 से 15 लाख रुपये वसूली गई। इस मामले में मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की भूमिका भी जांच में संदिग्ध पाई गई थी। फर्जी डिग्री मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंची थी।

बता दें कि नवदुनिया द्वारा फर्जी डिग्री मामले की खबरें अभियान के तहत लगातार प्रकाशित की गई थी। इसके बाद पाठक को निजी विश्वविद्यालय शाखा से हटाया गया था और मामले की पुनः जांच शुरू की गई थी। फर्जी डिग्री मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंची थी और पीएमओ ने मध्य प्रदेश सरकार को इस प्रकरण में की गई कार्रवाई से अवगत करने के लिए भी कहा था, लेकिन शैलेन्द्र सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद अब इस पूरे मामले की फाइल दबा दी गई है।

ओएसडी (विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी) अनिल पाठक को उच्च शिक्षा विभाग के महत्वपूर्ण कार्य दिए गए हैं। पाठक को समन्वय समिति प्रकोष्ठ (सीसीएल), आइटी, विवेकानंद केरियर मार्गदर्शन स्टार्टअप, शोध तथा इनोवेशन निर्माण, वर्ल्ड बैंक, रूसा और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के कार्य दिए गए है। इसके अलावा उप सचिव संघमित्रा गौतम के अवकाश अवधि में पाठक को लिंक अधिकारी बनाया गया है। यानी उप सचिव गौतम के अवकाश पर रहने पर वे स्थापना, पेंशन प्रकरण, विभागीय जांच आदि के महत्वपूर्ण के कार्य भी देखेंगे।

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