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Gwalior : 70 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश, सुनवाई 28 को होगी

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। सीबीआई ने प्रदेश के 70 नर्सिंग कालेजों को दी संबद्धता व मान्यता की अंतरिम जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश कर दी। यह जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में है।

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शुक्रवार को अधिवक्ताओं की हड़ताल आह्वान होने की वजह से अधिवक्ता पैरवी के लिए नहीं पहुंचे, इससे चलते मामले की तारीख बढ़ गई। अब 28 फरवरी को इस मामले में फिर से सुनवाई होगी। इस दिन रिपोर्ट खुल सकती है। सीबीआइ ने नर्सिंग कालेजों को कालेजों को जो मान्यता व संबद्धता मिली थी, उसमें 2017 की गाइडलाइन का पालन किया गया है या नहीं। इंडियन नर्सिंग कौंसिल, मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन कौंसिल व मेडीकल यूनिवर्सिटी जलबपुर ने मान्यता व संबद्धता देने में मान्यता देने में क्या प्रक्रिया अपनाई है। इसकी भी जांच की है।

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हाई कोर्ट ने 28 सितंबर 2022 को अंचल की 35 नर्सिंग कालेजों की याचिका की सुनवाई करते हुए सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा कि नर्सिंग कालेजों को दी जाने वाली संबद्धता व मान्यता का मामला एक बड़ा घोटाला है। कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किए गए थे, उसमें प्रथम दृष्टया मान्यता, संबद्धता देने में गड़बड़ी पाई है। इसलिए इंडियन नर्सिंग कौंसिल, मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन कौंसिल व मेडीकल यूनिवर्सिटी जलबपुर के अधिकारियों की भूमिका जारी रखें। 35 कालेजों ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी और 35 कालेजों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई थी। इस आदेश के आधार पर 35 कालेजों को जांच बाहर कर दिया था, लेकिन 70 कालेजों की संबद्धता व मान्यता की जांच जारी रखी। छह सप्ताह में जो जांच की, उसकी अंतरिम रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की है। सीबीआइ के अधिवक्ता राजू शर्मा कहना है कि रिपोर्ट बंद लिफाफे में है।

हाई कोर्ट ने मामला ऐसे लिया संज्ञान में :

अंचल की 35 कालेजों ने शिक्षण सत्र 2019-20 के विद्यार्थियों का नामांकन कराकर परीक्षा कराने की मांग को लेकर 2021 में याचिका दायर की थी। कालेजों का तर्क था कि कोविड-19 के चलते आधे विद्यार्थी नामांकन नहीं करा सके। मेडिकल यूनिवर्सिटी ने कुछ कालेजों को अनुमति दे दी है, लेकिन हमें अनुमति हीं दे रहे हैं। जब हाई कोर्ट ने इन कालेजों का मध्य प्रदेश नर्सिंग कौंसिल व मेडिकल यूनिवर्सिटी से रिकार्ड तलब किया। रिकार्ड काफी कमियां थी। दो दस्तावेजों के आधार पर कालेजों को संबद्धता दे दी। इसके बाद सीबीआइ की जांच के आदेश दिए गए।

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