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मप्र में भाजपा को बड़ा झटका, पूर्व मंत्री दीपक जोशी और पूर्व विधायक बघेल कांग्रेस में शामिल

भोपाल, ।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे स्वर्गीय कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। वह शनिवार को भोपाल में 74 बंगले स्थित सरकारी आवास बी-30 से अपने पिता कैलाश जोशी की तस्वीर साथ लेकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (पीसीसी) पहुंचे और पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। दीपक जोशी के साथ शनिवार को ही दतिया जिले से विधायक रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता राधेलाल बघेल भी कांग्रेस में शामिल हो गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बघेल को भी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दिलाई।

पूर्व मंत्री दीपक जोशी और भाजपा विधायक बघेल के एक साथ कांग्रेस में शामिल होना भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चुनावी साल में दो बड़े और दिग्गज नेताओं का विपक्ष का हाथ थामना सत्ताधारी पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। उधर, कांग्रेस को आगामी चुनाव में इसका फायदा मिलेगा।

कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि भाजपा ने जनसंघ की विचारधारा को कहीं न कहीं विलोपित कर दिया। देवास की किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ूंगा, पार्टी चाहेगी तो बुधनी से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।

दीपक जोशी शनिवार को सुबह देवास से भोपाल के लिए रवाना हुए। इससे पहले उन्होंने सुबह खेड़ापति मंदिर में दर्शन किए। बड़ी बहन ने मंगल तिलक किया। समर्थकों ने उन्हें फरसा देकर रवाना किया। देवास में उन्होंने कहा कि भाजपा में लॉलीपॉप देख-देखकर मेरा शुगर लेवल बढ़ गया है। अब शुगर लेवल घटाने के लिए शिष्टाचार वाली पार्टी में जाना है। उन्होंने कहा कि शिवराज जी भले मुझे छोटा भाई मानते हों लेकिन वे मेरे बड़े भाई कभी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अटल जी को अपना भगवान मानता हूं और मानता रहूंगा। मेरे पास ईमानदारी के सिवाय कुछ नहीं है। आज इसे कांग्रेस में लेकर जा रहा हूं।

भाजपा से तीन बार रहे विधायक

देवास जिले में भाजपा से तीन बार विधायक रहे दीपक जोशी अब कांग्रेस में शामिल हो गए। वे पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे हैं और इनका परिवार जनसंघ के जमाने से एक ही विचारधारा में रहा है। भाजपा के टिकट पर दीपक जोशी 2000 में बागली, 2003 और 2008 में हाटपिपलिया से विधायक बने। शिवराज सिंह चौहान की सरकार में 2008 के चुनाव के बाद वे राज्यमंत्री भी रहे।

हमीदिया कालेज में छात्र संघ अध्यक्ष रहे

दीपक जोशी ने बी. काम, एलएलबी किया है और इनका एक लघु उद्योग भी है। 13 जून, 1962 को जन्मे दीपक जोशी वर्ष 1983 से भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकारी समिति के सदस्य रहे। हमीदिया कालेज भोपाल के छात्र संघ अध्यक्ष भी चुने गए। बरकतुल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल की कार्यकारी परिषद के 1994 तक सदस्य थे। पूर्व में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे।

2018 में कांग्रेस के मनोज चौधरी से हाटपिपलिया सीट से हारने के बाद भी वे क्षेत्र में सक्रिय रहे। मनोज चौधरी के सिंधिया के साथ भाजपा में आने और उपचुनाव में जीतने के बाद से दीपक जोशी पार्टी में हाशिये पर थे। हाटपिपलिया में उनके पिता कैलाश जोशी के स्मारक को लेकर सरकारी बेरुखी से वे खासे नाराज हैं। हर फोरम पर इसी बात को उठाने के बाद आखिरकार कांग्रेस का दामन थामने का फैसला उन्होंने किया।

कौन है राधेलाल बघेल

राधेलाल बघेल ने अपने चुनावी राजनीति की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी से की थी। वे 2008 में सेवड़ा विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। हालांकि, 2013 में वे भाजपा के प्रदीप अग्रवाल से चुनाव हार गए। चुनाव हारने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। बघेल पूर्व में पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य थे। 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर राधेलाल बघेल को मैदान में उतारा था लेकिन राधेलाल जीत नहीं पाए थे। हालांकि, 2022 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने दतिया से पूर्व विधायक राधेलाल बघेल को पार्टी से बाहर कर दिया गया था। यह कार्रवाई उनके वायरल वीडियो को लेकर की गई थी, जिसमें वे प्रधानमंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करते नजर आ रहे थे।

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