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मिट्टी बचाने के सद्गुरु जग्गी वासुदेव के संदेश को गांव-गांव तक पहुंचाएगी मध्य प्रदेश सरकार

ईशा फाउंडेशन और जन अभियान परिषद के बीच हुआ अनुबंध। महेश्वर पहुंचे सद्गुरु, मांदल की थाप पर आदिवासी नृत्य से हुआ स्वागत।

भोपाल (राज्य ब्यूरो)। सद्गुरु जग्गी वासुदेव के मिट्टी बचाने के संदेश को राज्य सरकार गांव-गांव तक पहुंचाएगी। शुक्रवार को ईशा फाउंडेशन और जन अभियान परिषद के बीच इसे लेकर अनुबंध हुआ। इस मौके पर सद्गुरु और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।

जल के सदुपयोग और वर्षा की हर बूंद को संचित करने का लें संकल्प : श्री चौहान

मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार इस दिशा में फाउंडेशन के साथ मिलकर काम करेगी। मिट्टी बचाने का संदेश प्रदेश के हर गांव और विकासखंड तक ले जाया जाएगा। परिषद सेव स्वाइल अभियान के तहत विभिन्न् गतिविधियां आयोजित करेगी। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए।

जन-अभियान परिषद और ईशा फाउंडेशन के मध्य हुआ एम.ओ.यू.

मिट्टी बचाने के लिए राज्य शासन और ईशा फाउंडेशन जो रोडमेप बनायेंगे, उसे जन-अभियान परिषद और ईशा फाउंडेशन मिलकर क्रियान्वित करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने ईशा फाउंडेशन और म.प्र. जन-अभियान परिषद के बीच एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर के बाद मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा में यह बात कही। मुख्यमंत्री चौहान और परम पूज्य सद्गुरू वासुदेव जग्गी की उपस्थिति में एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर हुए। यह एम.ओ.यू. मिट्टी बचाने के लिए अभियान संचालित करने के संबंध में है। अटल बिहारी वाजपेई सुशासन संस्थान में संक्षिप्त कार्यक्रम में मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद के महानिदेशक बी.आर. नायडू, उपाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र जामदार तथा फाउंडेशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

गौरतलब है कि पौधों में बरगद का धार्मिक महत्व है, आयुर्वेद के अनुसार इससे कई बीमारियों का इलाज संभव है। पीपल एक छायादार वृक्ष है। यह पर्यावरण शुद्ध करता है। इसका धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व है। एक्जोरा पौधों में लाल, पीले, सफेद और नारंगी फूल के बड़े समूह होते हैं, जो पूरे साल लगातार सदाबहार पत्तियों से गेंद की तरह निकलते हैं

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सद्गुरु से किया वादा…

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सद्गुरु से वादा किया है कि वे मिट्टी बचाने के लिए पूरी ईमानदारी से काम करेंगे। उन्होंने पर्यावरण की चिंता और आध्यात्मिकता का एक अभूतपूर्व मेल दिखाया है। 
शिवराज सिंह ने कहा कि सद्गुरु ने मुझे जो पॉलिसी डॉक्यूमेंट दिया है उसे मध्यप्रदेश सरकार स्वीकार करती है। हम इसका अध्ययन करेंगे। मध्यप्रदेश सरकार मिट्टी में 3-6 फीसदी ऑर्गेनिक कॉन्टेंट पहुंचने के लिए पूरी ईमानदारी के साथ काम करेगी। बता दें कि सद्गुरु ने करीब दस हजार लोगों की उपस्थिति में शिवराज सिंह चौहान को मृदा बचाओ पुनरोद्धार पुस्तिका (Save Soil Revitalization Handbook) सौंपा। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से मिट्टी से जुड़े मुद्दे को अन्य पारिस्थितिक चिंताओं (ecological concerns) से अलग करने का आग्रह किया।

उधर, सद्गुरु जग्गी वासुदेव बाइक से शुक्रवार शाम करीब सवा पांच बजे खरगोन जिला स्थित मां अहिल्याबाई की नगरी महेश्वर पहुंचे। उनका निमाड़ी संस्कृति के अनुसार ढोल-मांदल की थाप और लोकगीत पर आदिवासी पहनावे में थिरकते कलाकारों ने स्वागत किया। पारंपरिक नृत्य देखकर सदगुरु के चेहरे पर मुस्कान बिखर गई।

सबसे पहले उन्होंने किला परिसर में लगी देवीश्री अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा को प्रणाम कर माल्यार्पण किया। इसके बाद वे राजगादी स्थल पर पहुंचे, जहां राजगादी के दरवाजे पर अहिल्या फोर्ट होटल की ओर से आरती उतारकर अगवानी की गई। सद्गुरु शनिवार सुबह नगर भ्रमण करेंगे और यहां से मुंबई के लिए रवाना होंगे।

Report ~ प्रोग्रेस ऑफ़ इंडिया न्यूज

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