साहब की वीसी यानि वीडियो कांफ्रेंसिंग व बैठकों का सिलसिला नहीं थम रहा है। यही वजह है कि अधीनस्थ अधिकारियों का भी अधिकांश समय वीसी व बैठकों में बर्बाद हो रहा है। इसका असर जनता से जुड़े कामकाज पर पड़ रहा है।
साहब की vc यानि वीडियो कांफ्रेंसिंग व बैठकों का सिलसिला नहीं थम रहा है। यही वजह है कि अधीनस्थ अधिकारियों का भी अधिकांश समय वीसी व बैठकों में बर्बाद हो रहा है। इसका असर जनता से जुड़े कामकाज पर पड़ रहा है। तमाम फरियादी परेशान हो रहे हैं। लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है…। कलेक्टर कार्यालय के एक कक्ष में बैठे कुछ कर्मचारी इस आशय की चर्चा कर रहे थे। एक कर्मचारी ने कहा कि लगातार बैठकें व वीसी से होना क्या है। मझोले अधिकारी बच्चे तो हैं नहीं जो एक-एक विषय के लिए वीसी या बैठक लेकर उन्हें समझाया जाए। दूसरे ने कहा कि यही वजह है कि अधिकारी अपनी कुर्सी पर बैठ ही नहीं पा रहे हैं। तीसरे कर्मचारी ने कहा कि अधिकारी कुर्सी पर बैठे मिलें तब भी वीसी चलती रहती है। साहब को छोटे जिलों की मानसिकता से ऊपर उठकर काम करना चाहिए।
एक कप चाय पीने में कितना समय लगता है। इसका सीधा सा जवाब है कि अधिकतम पांच मिनट। परंतु एक महिला थाना प्रभारी को चार घंटे लगते हैं। इस आदत के कारण उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों की फटकार का सामना करना पड़ा। हुआ यूं कि सदर में महिला अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। सुरक्षा के लिहाज से महिला थाना प्रभारी समेत कई जवानों की भर्ती स्थल पर ड्यूटी लगाई गई थी। टीआइ मैडम को सुबह 3.30 बजे भर्ती स्थल पर पहुंचने के निर्देश थे। 4.30 बजे एक प्रशिक्षु आइपीएस घूमते हुए भर्ती स्थल पहुंचे तो मैडम नहीं थीं। लोकेशन लेने पर मैडम ने कहा कि वे ड्यूटी पर थीं, चाय पीने आई हैं। सुबह करीब पौने नौ बजे तक मैडम यही जवाब देती रहीं कि ‘चाय पीने आई हूं।’ अंतत: उनकी कामचोरी पकड़ी गई। पता चला कि मैडम कभी समय पर ड्यूटी नहीं आती हैं। हमेशा चाय पीने का बहाना करती हैं।
जिम संचालक की करतूत, पुलिस भी हैरान-
गरीबों पर अत्याचार करने के सारे रिकार्ड एक जिम संचालक ने तोड़ दिए। वह मोटी कमाई कर रहा है, परंतु एक गरीब परिवार की आह उसके लिए संकट पैदा कर सकती है। यह परिवार (पति, पत्नी व मासूम बच्चा) पड़ोसी जिले सतना से मजदूरी की तलाश में जबलपुर अाया था। जिम संचालक ने उन्हें घर के एक कोने में जगह दे दी। युवक मजदूरी करने लगा तथा उसकी पत्नी जिम संचालक के घर खाना बनाने लगी। जिम संचालक की करतूतों से तंग होकर पति-पत्नी कहीं चले जाना चाहते थे। जिम संचालक ने शातिराना अंदाज में उन पर चोरी का आरोप लगाया। जेल जाने से बचाने के नाम पर उनकी सतना में पैतृक जमीन बिकवाकर लाखों रुपये हड़प लिए। शेष बची जमीन का अनुबंध करा लिया। पुलिस अधिकारी जिम संचालक का षडयंत्र जानकर हैरान रह गए। गरीब परिवार को न्याय की आस है। जिम संचालक शहर छोड़कर भाग गया है।
उसके जेल जाने का सबसे ज्यादा दुख किसे है-
अच्छा सही सही बताओ, उसके जेल जाने का सबसे ज्यादा दुख किसे है। मुझे नहीं पता, तुम ही बताओ…। शहर के एक छोर पर स्थित थाने में कुछ अधिकारी इस तरह की चर्चा कर रहे थे। चर्चा का केंद्र एक शराब कारोबारी रहा, जिसे जालसाजी में जेल भेजा जा चुका है। जबलपुर के इस शराब कारोबारी को धार जिले में जेल में बंद किया गया है। चर्चारत जवान ने कहा कि यार मेरी वाली मैडम का तो चेहरा ही उतर गया है। वह जब से जेल गया है, मैडम इसी चिंता में रहती हैं कि ‘महीना’ हाथ से न निकल जाए। दूसरे जवान ने कहा कि उसके जेल जाने का दुख चंद महिलाओं को ही क्यों है। किसी पुरुष अधिकारी को इस तरह परेशान होते नहीं देखा। लंबी सांस भरते हुए तीसरे जवान ने कहा कि सीधा सा जवाब। जिसका खाना, उसका बजाना। कुछ मैडमें खाने में इतनी हुनरमंद हैं कि डकार तक नहीं लेतीं।
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