मध्यप्रदेश पेसा एक्ट:पेसा एक्ट से अधिसूचित जनजातीय (आदिवासी) क्षेत्रों में ग्राम सभाएं अधिकार संपन्न होंगीमध्यप्रदेश पेसा एक्टमध्यप्रदेश पेसा एक्ट:पेसा एक्ट से अधिसूचित जनजातीय (आदिवासी) क्षेत्रों में ग्राम सभाएं अधिकार संपन्न होंगी
जल, जंगल, जमीन पर जनजातीय (आदिवासी) वर्ग को मिलेगा अधिकार
जल, जंगल, जमीन पर जनजातीय (आदिवासी) वर्ग को मिलेगा अधिकार
progress of india news || मध्यप्रदेश पेसा एक्ट:नए नियमों के अनुसार अब पटवारी और बीटगार्ड को गांव की जमीन का नक्शा, खसरा, बी-1 नकल गांव में ही लाकर ग्रामसभा में दिखाने होंगे, जिससे जमीन के रिकार्ड में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। यदि कोई गड़बड़ी करता है तो उसको ठीक करने का अधिकार ग्रामसभा को होगा। किसी प्रोजेक्ट के लिए जमीन लेने के लिए ग्राम सभा की सहमति/परामर्श जरूरी होगा। छल, कपट और बलपूर्वक अब कोई जमीन नहीं हड़प सकेगा। यदि कोई ऐसा करता है तो ग्रामसभा को हस्तक्षेप कर उसे वापस करवाने का अधिकार होगा। खनिज के मामलों में जिनमें रेत, खदान, गिट्टी, पत्थर के ठेके देना है या नहीं, यह भी ग्रामसभा में ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाएं अमृत सरोवरों, तालाबों का प्रबंधन करेंगीं। तालाबों में सिंघाड़े उगाने, मछलीपालन व मत्स्याखेट की सहमति भी ग्रामसभाएं देंगीं। सिंचाईं तालाबों का प्रबंधन, वनोपज का संग्रहण एवं न्यूनतम मूल्य निर्धारण भी ग्राम सभाओं में हो सकेगा। जनजातीय वर्ग के लोगों के द्वारा वनोपज संग्रहण करने के साथ उसे बेचने का भी हक होगा। तेंदूपत्ता की तुड़ाई और बिक्री का कार्य भी जनजातीय वर्ग करेंगे। इतना ही नहीं, मनरेगा के माध्यम से कब और कौन-सा कार्य कराया जाना है, यह सब ग्राम सभा ही प्रस्ताव बनाएगी, मस्टररोल भी ग्राम सभा ही देखेगी। यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्रामसभा को जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि पेसा एक्ट प्रभावशील होने से जनजातीय क्षेत्रों में केवल लाइसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर राशि उधार दे सकेंगे। इसकी जानकारी भी ग्रामसभा को देनी होगी। साहूकार द्वारा अधिक ब्याज नहीं लिया जाएगा, अधिक ब्याज लेने पर संबंधित पर कार्रवाई होगी। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के हितलाभ के लिए भी ग्रामसभा को अधिकार रहेगा। किस वास्तविक हकदार को हक मिलना चाहिए, उसे ग्रामसभा तय करेगी। अधिसूचित क्षेत्रों में बिना ग्रामसभा की अनुमति के कोई नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी। किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा भी ग्रामसभा कर सकेगी। स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र, आश्रम, छात्रावास आदि के व्यवस्थित संचालन के लिए मॉनीटरिंग का अधिकार भी ग्रामसभा को होगा। मेला एवं बाजार के प्रबंधन भी ग्रामसभा करेगी। इसके अलावा पेसा एक्ट में जनजातीय वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं, जिनकी जानकारी से जनजातीय वर्ग को जागरूक बनाया जाए। साथ ही इन क्षेत्रों में ग्राम सभाओं के सशक्तिकरण में हमारी प्रभावी भूमिका हो।
कार्यशाला में सीईओ जिला पंचायत श्री अभिलाष मिश्रा ने ग्राम सभाओं के गठन, उनकी कार्य व्यवस्था, विभिन्न विभागों के तहत ग्राम सभाओं को प्रदत्त अधिकारों की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही बताया कि जिले के अधिसूचित विकासखंडों- भीमपुर, भैंसदेही, आठनेर, चिचोली, शाहपुर एवं घोड़ाडोंगरी विकासखंड में पेसा एक्ट प्रभावशील होगा। इस दौरान कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस ने पेसा एक्ट के संबंध में जनप्रतिनिधियों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। साथ ही अपेक्षा की कि ग्रामीण क्षेत्रों से प्राप्त फीडबैक भी उन तक पहुंचाया जाए, ताकि यथोचित समाधान किया जा सके।
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