सतना जिले में फसल सिंचाई के लिए पानी की चिंता को लेकर आठ पंचायत के किसान परेशान हैं। उनका कहना है कि जल संसाधन विभाग की लापरवाही से कुलगड़ी बांध का पानी बेकार बह रहा है।
सतना जिले के कुलगड़ी बांध में एकत्र सिंचाई योग्य पानी बेकार बहने से आठ पंचायत के किसान परेशान हैं। किसानों का कहना कि जल संसाधन विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ेगा। दरअसल उचेहरा तहसील में स्थित कुलगड़ी डैम का जल स्तर कम हो रहा। जल संसाधन विभाग की लापरवाही से बांध का मुख्य गेट सिंचाई के लिए खोला गया था मगर बाद में बंद नहीं किया गया। इस वजह से भारी मात्रा में पानी बेकार बह रहा। ऐसे में किसानों को रवी के सीजन में फसल के लिए पर्याप्त पानी कैसे मिलेगा इसकी चिंता सता रही है। अब सिर्फ एक तिहाई ही पानी बचा है।
बता दें कि 1967 में बने सतना जिले के कुलगड़ी बांध से हर साल नवंबर से 21 दिनों के अंतराल में चार-चार दिनों के लिए पानी छोड़ा जाता था, ताकि किसान फसल की बुबाई और सिंचाई कर सकें। इस बार नवंबर में पानी छोड़ा तो गया लेकिन बन्द नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि मुख्य गेट में पत्थर फंसने से तकनीकी खराबी आ गई। ऐसे में एक पखवाड़े से ज्यादा समय हो चुका है और लगातार बांध से पानी बेकार बह रहा है। किसानों के खेत में पानी से हो रहे नुकसान को देखते हुए बांध का पानी सतना नदी में छोड़ा जा रहा।
अब सिर्फ चार मीटर पानी शेष
हर वर्ष गेहूं की फसल के लिए चार बार गेट खोला जाता था और बाकी पानी एकत्रित किया जाता था, मगर इस बार 8,49 घन मीटर भरे पानी से अब सिर्फ चार मीटर पानी बचा है जो लगातार खत्म हो रहा है। ऐसे में किसान परेशान हैं। किसानों को फसल सूखने का डर सता रहा है।
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