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एमपी: स्कूल शिक्षा विभाग की तबादला नीति को कैबिनेट ने दी मंजूरी, ग्रामीण क्षेत्र में देनी होगी सेवा

भोपाल. मध्य प्रदेश में अब बार-बार शिक्षकों की तबादला नीति नहीं लाई जाएगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में विभागीय प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसके तहत नवनियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य होगा. स्वैच्छिक स्थानांतरण होने पर तीन साल से पहले उस स्थान से नहीं हटाया जाएगा. तबादले के लिए आवेदन आनलाइन देना होगा और इसके आदेश भी आनलाइन ही जारी होंगे.

राज्य सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग की नवीन स्थानांतरण नीति के अनुसार प्रति वर्ष मार्च में तबादलों की प्रक्रिया की जाएगी. बैठक में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना को वर्ष 2023-24 तक जारी रखने का निर्णय लिया गया. योजना में चार लाख ग्रामीण पत्र विक्रेताओं को सरकार अपनी गारंटी पर बैंकों से दह हजार रुपये का ब्याज रहित ऋण दिलवाएगी. प्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिले में हाक फोर्स और गुप्तचर शाखा के कर्मचारियों को विशेष भत्ता दिया जाएगा. गृह विभाग के प्रस्ताव को बैठक में मंजूरी दी गई.

5200 गांवों में प्राकृतिक खेती होगी प्रारंभ

बैठक में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की योजना को मंजूरी दी गई. इसके तहत प्रदेश के 5200 गांव में प्राकृतिक खेती प्रारंभ की जाएगी. प्रत्येक जिले में 100 गांव का चयन होगा. इसमें 26 हजार हितग्राहियों को देसी गाय के पालन के लिए प्रतिमाह नौ सौ रुपये का अनुदान दिया जाएगा. किसानों का पंजीयन होगा और उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा

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