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प्राकृतिक खेती के लिए बड़ा फैसला-देसी गाय पालने के लिए 26,000 हजार लोगों को मिलेगा पैसा
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने देसी गायों के पालन के लिए 900 रुपये प्रतिमाह देने का फैसला किया है.

इसके लिए 28 करोड़ 08 लाख रुपये की रकम मंजूर की गई है. यह पैसा साल भर में खर्च होगा. सूबे के 5200 गांवों में पांच-पांच लोगों को मिलेगा लाभ. आगे बढ़ेगी प्राकृतिक खेती.

प्राकृतिक खेती के लिए जरूरी जीवामृत गाय के गोबर से तैयार होता है. इसलिए केंद्र सरकार का नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने की मुहिम तभी आगे बढ़ेगी जब लोग देसी गायों के पालन के लिए आगे आएं. मध्य प्रदेश सरकार ने इसके लिए देसी गौपालन करने वालों को 900 रुपये प्रतिमाह की मदद देने का फैसला किया था. इसकी पहली किस्त देने के लिए सरकार ने पैसा मंजूर कर दिया है. शिवराज सिंह सरकार ने प्रथम चरण में 26,000 हजार पशुपालकों के लिए 900 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 1 वर्ष के लिए 28 करोड़ 08 लाख रुपये खर्च करने की मंजूरी दी है.

नेचुरल फार्मिंग को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह का निर्णय लेने वाली मध्य प्रदेश पहली सरकार है. अब उम्मीद है कि बीजेपी शासित दूसरे सूबे भी इस तरह का कदम उठा सकते हैं. यह कितनी अहम योजना है इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि पीएम किसान योजना के तहत किसानों को सालाना 6000 रुपये मिलते हैं जबकि अब गाय पालने के लिए पशुपालकों को सालाना 10800 रुपये मिलेंगे. कैबिनेट ने इसके साल भर के बजट पर मुहर लगा दी है.

कैसे चुने गए 26,000 पशुपालक
मध्य प्रदेश मंत्रि-परिषद ने किसानों को एक देसी गाय के पालन पर अनुदान देने के अलावा प्रत्येक जिले के 100 गांवों में प्राकृतिक खेती शुरू करने के उद्देश्य से नवीन “मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना” को क्रियान्वित किए जाने का निर्णय लिया. योजना के अंतर्गत 52 जिलों में 100 गांवों का चयन कर कुल 5200 गांवों में प्राकृतिक खेती शुरू की जाएगी. प्रत्येक गांव से 5, इस प्रकार कुल 26 हजार प्राकृतिक कृषि करने वाले किसानों का चयन कर उन्हें गौ-पालन के लिए अनुदान दिया जाएगा.

मास्टर ट्रेनर को 1000 रुपये महीना मिलेगा
राज्य सरकार ने इसी साल अप्रैल में देसी गाय पालने वालों को अनुदान के रूप में 900 रुपये प्रतिमाह की सहायता देने का एलान किया था. प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का एक पोर्टल और ऐप भी तैयार करने का फैसला लिया गया है. इस पर रजिस्टर्ड किसानों को मास्टर ट्रेनर एवं ट्रेनर के रूप में ट्रेंड किया जाएगा. मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षक के रूप में काम करने का मानदेय 1 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा. ये ट्रेनर प्राकृतिक प्रेरक कहलाएंगे.

किसानों को ट्रेनिंग देने पर खर्च होंगे 39.5 करोड़ रुपये
प्रशिक्षण पर 400 रुपये प्रति किसान प्रति दिन का खर्च होगा. इसके लिए 39 करोड़ 50 लाख रुपये की जरूरत होगी जो राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार प्राकृतिक कृषि किट लेने के लिए भी किसानों को 75 प्रतिशत छूट दे रही है. प्रदेश में केमिकल नेचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहन देने के लिए प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन पहले ही कर दिया गया था.

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