एमपी के सीनियर आईएएस अफसर पी नरहरि पर कमिश्नर जनसंपर्क रहते कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने का आरोप है.
MP Latest News. पी नरहरि के जनसंपर्क विभाग के कमिश्नर रहते हुए अपात्र लोगों को शासकीय फंड का भुगतान करने का आरोप है. इस तरह उन पर एक करोड़ से ज्यादा का शासन को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. सबसे पहले उनकी शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई थी.
भोपाल. जनसंपर्क विभाग में गड़बड़ी के आरोप में फंसे मध्य प्रदेश के सीनियर IAS अफसर पी नरहरि, पर ईओडब्ल्यू मेहरबान है. इसी मेहरबानी का नतीजा है कि ईओडब्ल्यू ने एक साल के बाद भी एक मामले से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट जिला कोर्ट में पेश नहीं की. अब कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए 4 नवंबर तक इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.
पी नरहरि के जनसंपर्क विभाग के कमिश्नर रहते हुए अपात्र लोगों को शासकीय फंड का भुगतान करने का आरोप है. इस तरह उन पर एक करोड़ से ज्यादा का शासन को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. सबसे पहले उनकी शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई थी. लेकिन जब वहां पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई तब इस मामले के शिकायतकर्ता सतीश सिंह ने अपने वकील यावर खान के जरिए भोपाल जिला कोर्ट में पी नरहरि के खिलाफ परिवाद लगाया. इसी मामले में भोपाल जिला कोर्ट ने 4 नवंबर तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.
एक साल से स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं
एक साल के बाद भी ईओडब्ल्यू भोपाल कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं कर सका. इसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एसपी ईओडब्ल्यू को नोटिस जारी किया था. वकील यावर खान की तरफ से कोर्ट के आदेश की अवमानना के संबंध में ईओडब्ल्यू एसपी के खिलाफ कोर्ट में आवेदन भी दिया है.
कोर्ट ने जाहिर की नाराजगी: वकील
इस मामले की पैरवी कर रहे वकील यावर खान ने कहा जनसंपर्क के तत्कालीन कमिश्नर पी नरहरि के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भोपाल ने अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही इस पर आईपीसी की धारा 188 के तहत एसपी ईओडब्ल्यू को नोटिस भी दिया है. कोर्ट ने पी नरहरि के विरुद्ध शिकायत आवेदन पर संज्ञान लिया है और ईओडब्ल्यू एसपी से स्टेटस रिपोर्ट प्रतिवेदन बुलाया है. लेकिन विगत एक साल से ईओडब्ल्यू की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट और प्रतिवेदन कोर्ट में पेश नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की.
जालसाजी और धोखाधड़ी का आरोप
वकील यावर खान ने कहा पी नरहरि पर यह आरोप है कि कमिश्नर पद पर रहते हुए जनसंपर्क विभाग में जालसाजी धोखाधड़ी की. ऐसे अपात्र लोगों को टेंडर दिए जो पैनल में नहीं हैं और उसके लिए टेंडर की प्रक्रिया जारी नहीं हुई. इस तरह उन्होंने शासन का एक करोड़ से अधिक का नुकसान किया. बिना टेंडर जारी किए, पैनल से हटकर लोगों को अवैध रूप से शासकीय फंड का भुगतान किया. उन्होंने कहा जालसाजी और धोखाधड़ी के संबंध में आईटीआई से जो दस्तावेज प्राप्त हुए थे उस पर शिकायतकर्ता सतीश सिंह की तरफ से कोर्ट में परिवाद दायर किया था. कोर्ट निरंतर पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांग रही है.
4 नवंबर तक मांगा जवाब
उन्होंने कहा वर्तमान में पी नरहरि प्रमुख सचिव हैं. निश्चित रूप से उनके प्रभाव के कारण ईओडब्ल्यू इस पर जांच प्रतिवेदन नहीं दे रहा था. इस पर कोर्ट ने 4 नवंबर को आवश्यक रूप से पूरे केस का प्रतिवेदन पेश करने के लिए नोटिस दिया है.
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