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मप्रः सेवानिवृत्त आईएएस जुलानिया पर भ्रष्टाचार का आरोप, लोकायुक्त ने दर्ज की प्राथमिकी

सेवानिवृत्त आईएएस जुलानिया पर भ्रष्टाचार का आरोप

भोपाल, 28 अक्टूबर |मध्यप्रदेश लोकायुक्त ने एक शिकायती आवेदन पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। जुलानिया पर आरोप है कि उन्होंने जल संसाधन विभाग की सब-ठेकेदार फर्म अर्नी इंफ्रा से साढ़े 99 लाख रुपये अपने बैंक खाते में डलवाए हैं। शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त को सबूत सौंपते हुए राधेश्याम जुलानिया, उनकी पत्नी अनिता और बेटी लवण्या को भी आरोपित बनाने की मांग की है। इस मामले में जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक, भोपाल निवासी सामाजिक कार्यकर्ता नेमीचंद जैन ने इसी साल 02 अगस्त को लोकायुक्त कार्यालय में शिकायती आवेदन दिया था। उन्होंने दावा किया था कि जुलानिया सेवानिवृत्ति के बाद भोपाल के जिस बंगले में रहते हैं, वह जमीन उन्होंने स्वयं और पत्नी अनिता जुलानिया के नाम से खरीदी है। जमीन खरीदने के लिए रकम अर्नी इंफ्रा के अलग-अलग बैंक खातों से जुलानिया के अकाउंट में भेजी गई है। शिकायतकर्ता ने इसके प्रमाण भी लोकायुक्त को सौंपे।

शिकायत में बताया गया कि जनवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अर्नी इंफ्रा के मालिक आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि अर्नी इंफ्रा मुखौटा फर्म है। जल संसाधन विभाग का सबसे बड़ा ठेकेदार राजू मेंटाना है। वह अधिकारियों की मिलीभगत से ठेका हासिल करता है। इसके बाद सबलेट कंपनियों को ठेका दे देता है। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि जुलानिया जल संसाधन विभाग में लंबे समय तक पदस्थ रहे। मेंटाना वहां ठेकेदार फर्म थी, उसी समय जुलानिया की बेटी लवण्या जुलानिया हैदराबाद में मेंटाना की ही एक कंपनी में नौकरी कर रही थीं। इसकी सूचना जुलानिया ने राज्य सरकार को नहीं दी थी। राज्य सरकार ने 22 अगस्त 2016 को जुलानिया को जल संसाधन विभाग से हटाया और आईएएस पंकज अग्रवाल को कमान सौंपी थी।

इसके बाद अग्रवाल के कार्यकाल में मेंटाना कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। मेंटाना के ब्लैक लिस्टेड होते ही अचानक सरकार ने पंकज अग्रवाल को हटाया और जुलानिया को फिर से जल संसाधन में पदस्थ कर दिया। जुलानिया ने मेंटाना को ब्लैक लिस्ट से हटाकर फिर से अगला काम सौंप दिया। आरोपों के मुताबिक जुलानिया मेंटाना की मदद करते रहे और उससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ लेते रहे। शिकायतकर्ता ने राधेश्याम जुलानिया पर विदेश में बेटे अभिमन्यु को एक करोड़ रुपये भेजने का आरोप लगाते हुए इसकी भी जांच कराने की मांग की। इस संबंध में तत्कालीन आईएएस रमेश थेटे ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

लोकायुक्त संगठन के विधि अधिकारी अवधेश कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को शिकायतकर्ता को लिखित सूचना दी है कि उनकी शिकायत के आधार पर लोकायुक्त संगठन ने सेवानिवृत्त आईएएस राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ प्रकरण क्रमांक 0094/ई/22 दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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