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MP Tourism: ये हैं मध्य प्रदेश के पांच सबसे फेमस मंदिर, एक बार जरूर जाना चाहिए

MP Top Five Temples: देश के दिल मध्य प्रदेश को धार्मिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. हम आपको मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मंदिर के साथ-साथ शानदार पर्यटन स्थल भी हैं.

MP Top Five Temples: देश में जब भी प्रसिद्ध मंदिरों का जिक्र होता है सबके जहन में मध्य प्रदेश का नाम भी आता है. क्योंकि मध्य प्रदेश कुछ ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां इंसान एक बार जरूर जाना चाहता है. इसलिए धार्मिक लिहाज से मध्य प्रदेश का देश में खास महत्व है. सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है, इस मौसम में लोग अक्सर परिवार के साथ घूमने का प्लान बनाते हैं. ऐसे में हम आपको आज मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां घूमने के साथ-साथ आपको पर्यटन का आनंद भी मिलेगा. तो जानिए मध्य प्रदेश के इन खास पांच मंदिरों और उनकी महिमा के बारे में. 

बाबा महाकाल मंदिर (उज्जैन) 
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल का प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्य प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है. यहां सुबह पांच बजे होने वाली भस्मआरती पूरी दुनिया में फेमस हैं, जहां लाइव टेलीकास्ट भी किया जाता है. हाल ही में बाबा महाकाल मंदिर विस्तारीकरण योजना के तहत उज्जैन में ”श्री महाकाल लोक” का निर्माण किया गया है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.  ”श्री महाकाल लोक” भक्तों के लिए खोल दिया गया है. बाबा महाकाल कि महिमा की वजह से उज्जैन को बाबा महाकाल की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. महाशिवरात्रि के दिन, हर साल मंदिर के पास एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है और मंदिर पूरी रात खुला रहता है. इसके अलावा सावन के महीने में यहां बाबा महाकाल की शाही सवारियां भी निकाली जाती है, जो आर्कषण का बड़ा केंद्र होती हैं. ऐसे में अगर आप किसी मंदिर में घूमने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल मंदिर एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. उज्जैन आप सड़क, रेल और वायु तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं. 

ओंकारेश्वर मंदिर (खंडवा) 
खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर  12 ज्योतिर्लिंगों में स्थित है. यह मंदिर मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध पवित्र नदी मां नर्मदा के किनारे स्थित हैं. जहां सालभर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. कहा जाता है कि माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ दिन भर कही भी रहें लेकिन रात्रि विश्राम वह ओंकारेश्वर में ही करते हैं, कहा जाता है कि दोनों यहां चौसर खेलते हैं. इसलिए यहां भगवान के सामने चौसर सजाई जाती है. इसके अलावा बताया जाता है कि ओंकारेश्वर ओम पर्वत पर बसा हुआ है. जब इसे आप दूर से देखते हैं तो यह ओम आकार का नजर आता है. ऐसे में अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं तो नर्मदा के सौंदर्य के साथ-साथ आपको प्रसिद्ध भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन भी होंगे. 

 

मैहर माता मंदिर (सतना) 
मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित मैहर माता मंदिर प्रसिद्ध देवी स्थान होने के साथ-साथ खूबसूरत पर्यटन स्थल भी हैं. मैहर देवी मंदिर देवी पार्वती के 51 शक्तिपीठों में से एक है. ऐसा माना जाता है कि जब शिव जी जब माता सती का मृत शरीर ले जा रहे थे तब उनका हार इस जगह पर गिर गया था और इसलिए इस जगह का नाम मैहर यानि ( माई का हार ) पड़ गया. खास बात यह है कि यह मंदिर त्रिकूट पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है, जहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को  1063 सीढ़ियां चढ़ना पड़ता है. हालांकि अब यहां रोपवे की सुविधा भी शुरू हो गई है, जबकि ऊपर तक वाहन भी पहुंच सकते हैं. चारों और पहाड़ों से घिरा यह मंदिर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी हैं, ऐसे में यहां एक बार जरूर घूमने जाना चाहिए. 

ओरछा का रामराजा मंदिर (निवाड़ी) 
निवाड़ी जिले में स्थित ओरछा शहर मध्य प्रदेश का न केवल एक बड़ा पर्यटन केंद्र बल्कि यहां प्रसिद्ध रामराजा मंदिर भी हैं. रामराजा मंदिर की खासियत यह है कि यहां भगवान श्रीराम राजा के रूप में विराजे हैं, जहां उनको शस्त्र सलामी भी दी जाती है. ओरछा के राजा केवल राम हैं, इसलिए यहां को भी बड़ा नेता या अधिकारी बिल्कुल सरल तरीके से अपना पद छोड़कर आता है. ओरछा बेतवा नदी के किनारे बसा हैं, जहां कई अन्य कई पर्यटन केंद्र है. ओरछा में हर साल ओरछा महोत्सव का आयोजन भी होता है, जिसमें देश विदेश के लोग जुटते हैं. इसके अलावा यहां आपको बुंदेलखंड की संस्कृति भी देखने को मिलेगी. इसलिए आप अगर कही घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ओरछा आपके लिए अच्छा ऑप्शन हो सकता है. 

पीतांबरा मंदिर (दतिया) 
मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित पीतांबरा मंदिर पूरे देश में फेमस है, यहां विराजमान माता बंगुलामुखी को राजसत्ता की देवी भी कहा जाता है. देश के लगभग सभी बड़े राजनेता एक बार इस मंदिर में माथा टेकने जरूर आते हैं. वैसे तो माता के इस दरबार में सभी प्रकार के लोग आते हैं, लेकिन राजनीति से जुड़े लोग विशेष रूप से इस मंदिर से जुड़े हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस देवी को ‘सत्ता की देवी’ भी कहा जाता है. लेकिन यहां एक बार सबको जरूर जाना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि यहां माथा टेकने के बाद इंसान की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. तो इस बार क सर्दियों में बांध लीजिए अपना बैग और अपने परिवार के साथ इन बेहतरीन मंदिरों के दर्शन के लिए निकल जाइए. 

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