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इंदौर जिले में युवाओं को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाये : कलेक्टर

इंदौर। जिले में विभिन्न शासकीय रोजगारमूलक योजनाओं के तहत प्राप्त लक्ष्यों की पूर्ति समयसीमा में किये जायें। इसके लिए सभी बैंक अधिकारी और शासकीय विभाग समन्वय बनाकर लक्ष्य अनुरूप कार्य करें।

इंदौर जिले में युवाओं को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाये। इसके लिए उन्हें शासकीय मदद देने और इस संबंध में संचालित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की जानकारी दी जाये। कॉलेजों में फूड प्रोसेसिंग कोर्स करने वाले युवाओं को आइडेंटिफाई कर उन्हें फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रेरित किया जाये। उक्त निर्देश कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिला स्तरीय बैंकर्स समन्वय समिति की बैठक में दिये गये।

बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने रोजगारमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की विभागवार और बैंकवार समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती वंदना शर्मा,जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक सुनील ढाका सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी और बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने बैठक में निर्देश दिए कि जिले में सभी रोजगारमूलक शासकीय योजनाओं के अंतर्गत ऋण वितरण कर लक्ष्यों की पूर्ति हर हाल में समयावधि में पूरे किये जायें। बैंक अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे लक्ष्यों की पूर्ति के लिए एसओपी बनायें और एसओपी के तहत लक्ष्यों की पूर्ति करें। उन्होंने सभी बैंकों में शासकीय योजनाओं के पम्पलेट रखने के निर्देश भी दिये।

कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्टार्टअप्स के लिये बैंकों में हेल्पडेस्क स्थापित करें। सभी बैंकों में हेल्पडेस्क अनिवार्य रूप से बनाया जाये। बैंकों में स्टार्टअप उद्यमियों के सक्सेस स्टोरी डिस्पले किया जाये। बैठक में बताया गया कि शासन द्वारा प्रायोजित स्वरोजगार योजना में इस वर्ष 56 हजार 759 युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। 345 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किए जाने का वित्तीय लक्ष्य है। इसमें से अभी तक 20 हजार 764 युवाओं के लिए 244 करोड़ रुपये के ऋण प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 19 हजार 659 युवाओं को 234 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। बैठक में मुद्रा योजना, पीएमएफएमई योजना, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मत्स्य संपदा योजना, भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना, टंट्या मामा कल्याण योजना, संत रविदास स्वरोजगार योजना सहित अन्य योजनाओं में बैंकों द्वारा की जा रही प्रगति, लक्ष्य आदि की विस्तृत रूप से समीक्षा की गयी।

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