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इंदौर की कथा में बोले धीरेंद्र शास्त्री, सौभाग्यशाली हो जो इंदौर में रहते हो, यह अद्भुत भूमि है

Dhirendra Shastri said in the story of Indore, you are lucky to live in Indore, it is a wonderful land.

इंदौर। दो वर्ष बाद एक बार फिर रविवार को इंदौर में हजारों के जनसमूह के बीच बागेश्वर धाम के युवा संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री थे। अवसर था कनेकेश्वरी गरबा परिसर एमआर-9 लिंक रोड पर आयोजित सात दिनी श्रीमद् भागवत कथा की शुरुआत का। उन्होंने अपनी चिरपरिचित चुटीले मनमोहक शैली में कहा बहुत सौभाग्यशाली हो जो इंदौर में रहते हो। यह कोई साधारण जगह नहीं है, यह अद्भुत भूमि है,एक तरफ महाकाल तो दूसरी तरफ ओंकारेश्वर विराजमान है। इंदौर में रणजीत हनुमान मंदिर,खजराना गणेश और अन्नपूर्णा मंदिर जैसे सिद्ध स्थान है।
शास्‍त्री ने कहा कि यह बात समझ लो कि भगवान को खोजने की नहीं…उनमें खो जाने की आवश्यकता है। हमें गौरव है कि हम इंदौर आए है, कोई भी व्यक्ति परेशानी, संकट में हो वो रणजीत बाबा को शीश झुका दे वो सारे रण को जीत लेते हैं। जहां भक्त की हां वहां भगवान है। भगवान सर्वत्र है,बस उन्हें पाने के लिए मन की शुद्धि बहुत जरूरी है। भागवत प्रदर्शन नहीं दर्शन है। भागवत से और मस्तक पर तिलक जरूर लगाए।
जहां कथा होती है वह स्थान वृंदावन धाम बन जाता है। भगवान प्राप्ती का सर्वोत्तम उपाए कथा है। थाली की शोभा जिस प्रकार भोजन से है वैसे ही सत्संग की शोभा ताली से है, इसलिए जी खोलकर ताली बजाना चाहिए। कथा से पूर्व भागवत पुराण का वेद मंत्रों के बीच पूजन अर्चन करके व्यासपीठ पर विराजित किया गया। विधायक रमेश मेंदोला ने बताया कि कथा 4 मई तक शाम 4 से 7 बजे तक होगी।
कथा से पहले कनकेश्वरी माता मंदिर से कथा स्थल तक कलश यात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। यात्रा के दौरान राधे-राधे के जयकारे गूंज रहे थे। इसमें महिलाओं ने श्रद्धा से कलश उठाकर भजनों पर नृत्य करती हुई चल रही थी। बग्गी पर साधु संत सवार थे। इसमें ढोल, तासे, बैण्ड-बाजे, शंखनाद व जयघोष करते युवाओं का दल देखते ही बन रहा था। घोड़े, ऊंट, बग्घी भी यात्रा में थे। यात्रा का विभिन्न मंचों से गुलाब की पंखुड़ियां बरसाकर स्वागत किया गया।

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