मप्र प्रदूषण बोर्ड पहुंचकर किसानों ने ने पनीर फैक्ट्री की पुन: जांच करने की मांग


भोपाल पहुंचे ग्राम पीपलिया मीरा के लोगों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री निवास पर दिया ज्ञापन
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-भोपाल पहुंचे ग्राम पीपलिया मीरा के लोगों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री निवास पर दिया ज्ञापन
सीहोर। मप्र प्रदूषण बोर्ड कार्यालय पहुंचे ग्राम पिपलियामीरा के ग्रामीण।
सीहोर। ग्राम पीपलिया मीरा के किसान, ग्रामीण व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने भोपाल पहुंचकर राज्यापाल व मुख्यमंत्री निवास व मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड पहुंचकर ज्ञापन सौंपाकर फिर से पनीर फैक्ट्री की जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने मप्र प्रदूषण बोर्ड भोपाल कार्यालय पहुंचकर आरोप लगाया कि वर्षो पूर्व से लगातार पनीर फेक्ट्री के द्वारा केमिकल्स युक्त जहरीला पानी सीवन नदी व गांव में छोड़ा जा रहा है, जिससे प्रदूषित हो लगें बोर, हेण्डपम्प, कुए का पानी जहरीला हो रहा है, जिससे केंसर, किडनी, लीवर, फेफड़े व चर्म रोग की बीमारी से मौत हो रही है। उक्त जहरीले पानी से हमारी कई मवेशियाँ बीमार होकर मर गए है।
ग्रामीणों का कहना है कि एनजीटी न्यायालय के द्वारा दल गठित कर सात दिवस जांच करने के आदेश केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड, मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड को दिए थे, लेकिन आदेश के 20 दिन बीत जाने के बाद आठ मार्च 2022 को अचानाक मप्र प्रदूषण के अधिकारी व अन्य अधिकारी के द्वारा बगैर सूचना दिए पनीर फैक्ट्री के प्रबंधक व मैनेजर को साथ में लेकर गुपचुप जांच की गई है, जो ग्रामीणों के साथ न्याय नहीं है। जबकि हम ग्रामीणों की शिकायत की भी जांच नहीं गई है और न ही एनजीटी न्यायालय के द्वारा दिए गए निर्देशानुसार जांच नहीं की गई है, जो कि एनजीटी न्यायालय द्वारा दल गठित किया गया था, जिसमें केंद्र प्रदूषण बोर्ड, मप्र प्रदूषण बोर्ड भोपाल व कलेक्टर सीहोर का दल गठित कर जांच करने के निर्देश दिए गए थे, उसका भी सही तरीके से पालन नहीं किया गया है। मप्र प्रदूषण बोर्ड भोपाल द्वारा विगत दिनों पनीर फैक्ट्री का संचालन बंद करने व विद्युत सप्लाई बंद करने का आदेश कलेक्टर सीहोर व विद्युत मंण्डल सीहोर को दिए गए थे, लेकिन उक्त आदेश का भी पालन नहीं किया तो पुन: मप्र प्रदूषण बोर्ड भोपाल द्वारा एक करोड़ 24 लाख रुपये का पनीर फैक्ट्री पर जुर्माना लगाया, उसका भी पालन नहीं किया तो पुन: विद्युत कनेक्शन बंद करने का आदेश दिया व कलेक्टर सीहोर को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। जब भी कोई जांच होती है, तो शिकायतकर्ता व ग्रामीणों को अवगत कराया जाता है। हम ग्रामीणों को अवगत भी नहीं कराया गया व पनरी फैक्ट्री का कैमिकल्स मिला जहरीला पानी सीवन नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे ग्राम पिपल्या मीरा, चंदेरी, तकीपुर, सीवन नदी सहित सीहोर शहर तक सम्पूर्ण जांच होना थी, लेकिन जांचकर्ता अधिकारी गुपचुप आए और 15 मिनट बाद वापस चले गए, जिससे सवाल खड़ा होता है कि क्या कोई जांच 15 मिनट में पूर्ण हो सकती है। साथ ही तीनों गांव से लगे हुए सीवन नदी से बोर, कुए, हैण्डपम्प के पानी की जांच नहीं की गई है
जांचकर्ता अधिकारी व प्रबंधन पर मिलीभगत का अरोप
जांचकर्ता अधिकारी व पनीर फेक्ट्री के प्रबंधक एवं मेनेजर के साथ मिलीभगत से गोलमाल जांच की गई है। ग्रामीणों मांग की गई है कि उक्त मामले में सघनता पूर्वक निष्पक्षता ग्रामीणों सूचना देकर पंचगणों के समक्ष, तीनों गांवों के मौका मुआयना कर पुन: की जाए। जांच के पूर्व ग्रामीणजनों व शिकायतकर्ता व मांगकर्ता को सूचना दें। ग्राम पिपलया मीरा, ग्राम चन्देरी, ग्राम तकीपुर की सीवन नदी में पनीर फेक्ट्री का जहरीला पानी की जांच उक्त तीनों गावों में मौके पर करें। गांव के बोर कुए, बोर, हैंडपम्प के पानी की भी जांच करे। विगत पांच वर्षों में फसलों की जो क्षति हुई उसकी भी जांच करे जो लोग बीमारी होकर मर गए हैं, जो बीमार हैं उनकी भी जांच करें, पालतु जानवरों की भी सम्पूर्ण जांच हम ग्रामीण पंचगण के सामने की जाए। इसके उपरान्त: एनजीटी न्यायालय को प्रकरण भेजा जाए।
धरना प्रदर्शन के चेतावनी
साथ ही ग्राम पंचायत पीपलिया मीरा द्वारा पनी फेक्ट्री के खिलाफ प्रस्ताव पास कर जबसे पनीर फेक्ट्री खुली तभी से जो भी अनुमति दी गई है वह सब निरस्त करते हुए प्रस्ताव की कापी पनीर फेक्ट्री, जनपद पंचायत सीहोर, कलेक्टर सीहोर व मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी दी गई है। ग्रामीण किसानों ने यह भी कहा है कि यदि समय रहते पुन: जांच नहीं हुई तो मप्र प्रदूषण बोर्ड भोपाल के समक्ष धरना प्रदर्शन करेगें।