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गांधी परिवार की डिनर टेबल पर ‘खरगे इन-दिग्विजय आउट’, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

राहुल गांधी और सोनिया गांधी

पार्टी अध्यक्ष की सबसे प्रबल दावेदारी पेश करने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के महासचिव रहे दिग्विजय सिंह ने आखिरकार ऐलान किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन भरने का आज आखिरी दिन है. शाम तक स्थिति साफ हो जाएगी कि पार्टी का नया चेहरा बनने के लिए कौन-कौन लाइन में है. हालांकि पार्टी अध्यक्ष की सबसे प्रबल दावेदारी पेश करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के महासचिव रहे दिग्विजय सिंहने आखिरकार ऐलान किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. यह ऐलान दिग्विजय ने तब किया जब राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम पार्टी अध्यक्ष के लिए सामने आया है।

हालांकि कल तक खरगे ने चुनाव लड़ने से साफ इनकार किया था. लेकिन देर रात गांधी परिवार की उनके नाम पर सहमति बनी और उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मनाया गया. जानकारी के अनुसार देर रात दिग्विजय कैंप को इस बात की भनक लग गई थी. इसके बाद हाई कमान के सामने यह मांग की गई कि खरगे को चुनाव लड़ना है तो गहलोत की तर्ज पर एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत उन पर भी लागू किया जाए. इसका सीधा मतलब था कि खरगे को राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ना पड़ेगा.

इस पूरे मामले में शुक्रवार सुबह फिर से खरगे से बात की गई. दिग्विजय संगठन ने जाकर महासिचव केसी वेणुगोपाल से उनके घर पर मुलाकात की. वेणुगोपाल ने दिग्विजय को आश्वासन दिया कि उनके सामने एक घंटे के भीतर दस्वीर साफ की जाएगी. इस पूरे वाकए के बाद जब दिग्विजय तसल्ली हुई तब उन्होंने मीडिया के सामने चुनाव न लड़ने की बात का ऐलान किया.

दिग्विजय ने कहा- वह दलितों की लड़ाई लड़ते रहेंगे

दिग्विजय सिंह ने अपने ऐलान में कहा कि वह दलितों की लड़ाई लड़ते रहेंगे. ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ और दलित नेता खरगे के सामने वो अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. बता दें कि जब खड़गे से एक दिन पहले दिग्विजय ने मुलाकात की थी तो उन्होंने चुनाव लड़ने से साफ इनकार किया था.

देर रात हुए बड़े सियासी बदलाव

दरअसल गुरुवार को दिग्विजय खेमे के सभी नेताओं को यकीन था कि वह अध्यक्ष बनने के बहुत करीब है. ऐसे में अशोक गहलोत, मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी, पवन बंसल समेत कई बड़े नेताओं ने हाई कमान से कहा कि जो भी पार्टी का नया अध्यक्ष हो उस पर सभी की सहमति होनी चाहिए. ऐसे में शशि थरूर की दावेदारी को कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है. वहीं जी23 नेताओं ने भी चुनाव में भूपिंदर सिंह हुड्डा से उतरने को कहा था. लेकिन हुड्डा ने साफ इनकार कर दिया.

देर रात हुए बड़े सियासी बदलाव

दरअसल गुरुवार को दिग्विजय खेमे के सभी नेताओं को यकीन था कि वह अध्यक्ष बनने के बहुत करीब है. ऐसे में अशोक गहलोत, मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी, पवन बंसल समेत कई बड़े नेताओं ने हाई कमान से कहा कि जो भी पार्टी का नया अध्यक्ष हो उस पर सभी की सहमति होनी चाहिए. ऐसे में शशि थरूर की दावेदारी को कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है. वहीं जी23 नेताओं ने भी चुनाव में भूपिंदर सिंह हुड्डा से उतरने को कहा था. लेकिन हुड्डा ने साफ इनकार कर दिया.

डिनर पर चर्चा, खड़गे फाइनल

जानकारी के अनुसार गुरुवार को देर रात प्रियंका गांधी वाड्रा के घर सोनिया गांधी पहुंची थी. इस डिनर में राहुल गांधी भी वर्चुअल जुड़े थे. इस डिनर डिबेट के दौरान ही मल्लिकार्जुन खरगे का नाम फाइनल हुआ है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या थी दिग्विजय को चुनाव न लड़ने के लिए मनाना. दूसरी ओर खरगे को राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए मनाना. दिग्विजय ने साफ किया था कि वह चुनाव नहीं लड़ने की सूरत राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष की ओर जाएंगे।

रिपोर्ट

प्रोग्रेस ऑफ़ इंडिया न्यूज

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