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नोट बरसाने के लिए कछुए और सांप की करते थे पूजा

Used to worship turtle and snake to rain notes

वन्यप्राणियों की तस्करी को लेकर स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) ने पांच तस्करों को पकड़ा है। इनके पास में चार कछुए और दो सांप जप्त हुए है। पूछताछ में तस्करों ने तंत्र क्रियाओं से लक्ष्मी प्राप्ति और धन बरसाने के लिए जानवरों का इस्तेमाल करते है। कछुए और सांप को कुछ महीनों तक पाला भी जाता था। तस्करों ने यह भी काबूला कि तंत्र क्रियाओं से पहले सांप को चार और कछुए को 10 किलो वजनी बनाते थे। उसके बाद ही पूजा में इनका इस्तेमाल करते थे। उधर गिरोह में जंगल से जानवरों को पकड़ने, खरीददार को ढूंढने और सौंदा करवाने के लिए अलग-अलग सदस्य है। हालांकि गिरोह पूरे प्रदेश में सक्रीय है।
फरवरी दूसरे सप्ताह में जानवरों की तस्करी को लेकर एसटीएसएफ को मिली। टीम बनाकर वनकर्मियों ने तस्करों से संपर्क किया और 14 फरवरी को बिजवाड़-कांटाफोड़ मार्ग पर मिले। जानवर बताने के लिए मनोहर, संतोष और दुरसिंह रात 10 बजे मिले। संतुष्टी होने के बाद वनकर्मियों ने इन्हें हिरासत में लिया। उस दौरान मनोहर के 2 रेडसैंडबोआ सांप, दुरसिंग 2 ओर संतोष के पास एक इंडियन फ्लेपशेल टर्टल (कछुआ) मिला। ये तीन तस्कर जंगल में जानवर पकड़ते हैं।
बदले में इन्हें गिरोह की तरफ से 50 से 60 हजार मिलते है। पूछताछ करने के बाद गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश शुरू की गई। तस्करों के मोबाइल फोन से प्रवीण गौड़ ओर राकेश माली के बारे में पता चला। तीन आरोपितों ने दोनों को बुलाया। एमवाय अस्पताल के बाहर इन्हें पकड़ा। पांच तस्करों के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है। तस्करों को विशेष न्यायालय इंदौर में पेश किया। बाद में प्रवीण और राकेश को एक दिन की रिमांड पर लिया।
प्रवीण और राकेश से पूछताछ में एसटीएसएफ को जानकारी मिली है। ये वन्यप्राणियों की डिलीवरी लेने के बाद कुछ महीनों से कछुए और सांप को पालते थे। इन्हें मांस खिलाकर मोटा किया जाता था। कछुए को दस और सांप को चार किलो होने तक खिलाते थे। इस बीच गिरोह के बाकी सदस्य पूजा-पाठ के लिए लोगों को ढूंढते थे। ये भोपाल, ग्वालियर, भिंड, मुरैना और इंदौर से आते थे। धन वर्षा करवाने के लिए दस से पंद्रह लाख वसूलते थे। साथ ही लक्ष्मी प्रसन्न करवाने के लिए अलग से रुपये लिए जाते थे। प्रवीण और राकेश के मोबाइल में नोट बरसाने के वीडियो भी मिले है। उन्हें देखकर वन अफसर भी चकिंत रह गए है।
प्रवीण और राकेश की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही परिजन नौलखा स्थित एसटीएसएफ कार्यालय पहुंच गए। इसके बाद वन अफसरों को भाजपा के नेताओं का दबाव आना शुरू हो गया। मामले में वनमंत्री नागर सिंह चौहान को भी फोन लगाकर कार्रवाई रुकवाने का कहा। वहीं झाबुआ का एक खदान माफिया भी वन अफसरों को धमकाने लगा। बाद में अधिकारियों ने फोन बंद कर कागजी कार्रवाई पूरी कर दोनों को जेल भिजवा दिया।
एमवाय अस्पताल बुलाने के दौरान प्रवीण ने गले में शेर का नाखून भी पहन रखा था। उस पर भी प्रकरण दर्ज किया है। साथ ही एसटीएसएफ इन दिनों देवास, इंदौर, उज्जैन, नीमच, रतलाम और भोपाल में दबीश दे रही है। मगर पांच से छह तस्कर फरार है। इनके लिए एसटीएसएफ ने बाकी जिलों में टीमों को सक्रीय कर दिया है।

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